24-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सदा यह स्मृति में रहे कि हमारा यह अन्तिम 84 वाँ जन्म है”
त्रिकालदर्शी स्थिति में स्थित रहकर देखो कि हम क्या थे, क्या हैं और क्या होंगे....इस ड्रामा में हमारा विशेष पार्ट नूंधा हुआ है। इतना स्पष्ट अनुभव हो कि कल हम देवता थे और फिर कल बनने वाले हैं। हमें तीनों कालों की नॉलेज मिल गई।- ओम् शान्ति।...
23-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें खाते-पीते – चलते-फिरते बाप की याद में रहना है”
मास्टर का अर्थ है कि हर शक्ति जिस समय आह्वान करो वो शक्ति प्रैक्टिकल स्वरूप में अनुभव हो। जिस समय, जिस शक्ति की आवश्यकता हो, उस समय वो शक्ति सहयोगी बने। शक्ति को ऑर्डर किया और हाज़िर। जैसे शरीर की शक्तियां ऑर्डर में हैं ऐसे सूक्ष्म शक्तियां भी ऑर्डर...
23-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You have to stay in remembrance of the Father while eating – drinking – walking and moving around.”
To be a master means that, when you order a power, you experience that power in a practical way at that time. Whenever you need a particular power, that power should co-operate at that time; that as soon as you order a power, it becomes present.Just as the powers...
22-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “renounce the arrogance of your bodies and become soul conscious.”
The confluence age is the age of contentment. If you are unable to remain content at the confluence age, then when would you be content? A rosary is created when one bead comes into contact with another. Therefore, when forming relationships and connections with others, remain content and make...
22-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “देह-अंहकार छोड़ देही-अभिमानी बनो”
संगमयुग सन्तुष्टता का युग है, यदि संगम पर सन्तुष्ट नहीं रहेंगे तो कब रहेंगे। माला बनती ही तब है जब दाना, दाने के सम्पर्क में आता है इसलिए सम्बन्ध-सम्पर्क में सदा सन्तुष्ट रहना और सन्तुष्ट करना, तब माला के मणके बनेंगे। परिवार का अर्थ ही है सदा सन्तुष्ट रहने...
21-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you are benefactors for all human beings”
Just as your body cannot stay without breathing, in the same way, the breath of Brahmin life is doing service. Therefore, continue to serve at every moment with your elevated dristhi, attitude and actions. If you don’t have a chance to serve with words, then serve with your mind....
21-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम सभी मनुष्य मात्र के कल्याणकारी हो”
जैसे यह शरीर श्वांस के बिना नहीं रह सकता ऐसे ब्राह्मण जीवन का श्वांस है सेवा। इसलिए हर समय अपनी श्रेष्ठ दृष्टि से, वृत्ति से, कृति से सेवा करते रहो। वाणी से सेवा का चांस नहीं मिलता तो मन्सा सेवा करो। जब सब प्रकार की सेवा करेंगे तब फुल...
20-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you are now to leave this world and everything within it and go to your home the land of peace and then to the land of happiness.”
One second of the confluence age is even greater than a year of the other ages. If you waste even one second at this time, that is not just a second wasted, but a lot of time is wasted. Constantly remember the importance of this and you will continue...
20-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “हम अभी यह दुनिया यह सब कुछ छोड़ अपने घर शान्तिधाम जायेंगे फिर सुखधाम में आयेंगे”
संगमयुग का एक सेकण्ड और युगों के एक वर्ष से भी ज्यादा है, इस समय एक सेकण्ड भी गंवाया तो सेकण्ड नहीं लेकिन बहुत कुछ गंवाया। इतना महत्व सदा याद रहे तो हर सेकण्ड परमात्म दुआयें प्राप्त करते रहेंगे और जिसकी झोली परमात्म दुआओं से सदा भरपूर है उसके...
19-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Shiv Baba is present in front of you at this time.”
you children think of God with every thought and so you are carefree. Karavanhar is making you do everything and you are instruments who carry it out. You have everyone’s finger of co-operation and this is why every task is easy and successful. Everything is moving well and has...