Category: “SPIRITUAL KNOWLEDGE BLOG – आध्यात्मिक ज्ञान ब्लॉग”

“मुक्ति और जीवनमुक्ति की स्टेज”

“मुक्ति और जीवनमुक्ति की स्टेज”- जो मनुष्यों की चाहना द्वापर से लेकर कलियुग के अन्त तक उठती आई है कि हम जन्म-मरण के चक्र में न आवें, वो आश अब पूर्ण होती है।- ओम् शान्ति।...

“The stages of liberation and liberation in life.”

“The stages of liberation and liberation in life.” - The desire that human beings have from the copper age to the end of the iron age of not coming into the cycle of birth and death is fulfilled now. -– Om Shanti....

“अपने को स्वयं परमात्मा बता रहे हैं, कि असुल में सृष्टि कैसे पैदा हुई?”

गीता में है भगवानुवाच "जब मैं आता हूँ तो आसुरी दुनिया का विनाश कर दैवी दुनिया की स्थापना करता हूँ अर्थात् कलियुगी तमोगुणी अपवित्र आत्माओं को पवित्र बनाता हूँ।"- ओम् शान्ति।...

“बदनसीबी और खुशनसीबी अब इन दोनों शब्दों का मदार किस पर चलता है?”

वह कभी किसको दु:ख नहीं दे सकते। वह हमारे सारे कर्मों का खाता चुक्तू कराते हैं तब ही हम कहते हैं तुम मात पिता हम बालक तेरे...। - ओम् शान्ति।...

“इस कलियुगी संसार को असार संसार क्यों कहते हैं?”

इस संसार को पाप का सागर कहते हैं, जिससे पार कर पुण्य आत्मा वाली दुनिया में चलना चाहते हैं। तो दुनियायें दो हैं, एक सतयुगी सार वाली दुनिया, दूसरी है कलियुगी असार की दुनिया।- ओम् शान्ति।...

परमात्मा कहते हैं “मैं एक हूँ और एक ही बार आता हूँ।”

परमात्मा कहते हैं "मनुष्य गीत गाते हैं ओ गीता के भगवान अपना वचन निभाने आ जाओ। अब वो स्वयं गीता का भगवान अपना कल्प पहले वाला वचन पालन करने के लिये आये हैं " - ओम् शान्ति।...

Incorporeal God says “I am One and I come once.”

Incorporeal God says "In the Gita, it says, “O God of the Gita, come and fulfil the promise You made”. Therefore, the God of the Gita Himself has now come to fulfil the promise" – Om Shanti....