16-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बेहद का बाप इस बेहद की महफिल में गरीब बच्चों को गोद लेने के लिए आये हैं। जिस दिन बाप में निश्चय हुआ, वह दिन बड़े ही धूमधाम से मनाना चाहिए। वही तुम्हारे लिए जन्माष्टमी है। Om Shanti...
15-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
-: "ब्रह्मा मुख वंशावली सर्वोत्तम ब्राह्मण कुल भूषण" :- दुनिया में तुम बच्चों के सिवाए और कोई नहीं जानते कि ब्राह्मणों का ही सर्वोत्तम कुल है I ऊंचे से ऊंचा साकार में है पहला नम्बर - तुम ब्राह्मणों का कुल। Om Shanti...
14-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं - अभी तुम समझते हो - शिवबाबा ने हमें एडाप्ट किया है। मामेकम् याद करो तो नर्कवासी से स्वर्गवासी बन जायेंगे। कितना सहज है। Om Shanti...
13-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
-: "यह है रीयल वर्ल्ड युनिवर्सिटी" :- । यह घर का घर भी है और युनिवर्सिटी भी है। इसको ही गॉड फादरली वर्ल्ड युनिवर्सिटी कहा जाता है क्योंकि सारी दुनिया के मनुष्य मात्र की सद्गति होती है। OM SHANTI ...
12-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
-: “बाप एक है।" :- धर्म आत्मायें, महान आत्मायें अनेक हैं लेकिन परम आत्मा एक है''। इसी मूल सिद्धान्त द्वारा भक्ति में भी ‘गॉड इज वन' - यही सिद्धान्त सिद्धि प्राप्त करने का आधार बनता है। OM SHANTI...
11-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
"आज ख़ुशी का दिन है आया जब आकर शिव परमात्मा ने सतयुग के राजाई पाने का गुहिय ज्ञान बच्चो को फिरसे सुनाया" ॐ शान्ति ...
10-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जब महाभारत लड़ाई होती है, उस समय ही बाप आकर गीता का ज्ञान सुनाते हैं जिसे राजयोग कहा जाता है। अभी तुम राजयोग सीख रहे हो। कल्प-कल्प, 5 हजार वर्ष बाद बाबा हमको आकर सत्य नारायण की कथा सुनते हैं। Om Shanti...
09-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सवेरे उठकर बाप को याद करो : “हम बाबा से यह वर्सा लेने वाले हैं। हम उस बाप के बने हैं। आत्मा को अब पहचान मिली है बाप से। बाप डायरेक्शन देते हैं मुझे याद करो और गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए कमल फूल समान पवित्र रहो।“ OM SHANTI...
08-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप आया हुआ है भक्ति का फल अर्थात् सद्गति देने। राजयोग सिखला रहे हैं। यह ज्ञान सिखलाने वाला एक ही ज्ञान सागर परमपिता परमात्मा शिव है। OM SHANTI...
07-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
"यह है हमारा हेड स्कूल।"
मैं आत्मा पढ़ रहा हूँ, ज्ञान सागर पढ़ा रहे हैं। बुद्धि में यही रहता है कि हम भविष्य के लिए मनुष्य से देवता बन रहे हैं।यह घड़ी-घड़ी चिंतन करने से खुशी रहेगी I OM SHANTI...