Tag: अध्यातम ज्ञान

“हम ईश्वर के दरबार में कुछ भी जमा कैसे कर सकते?“

"जब तक अपनी प्रैक्टिकल जीवन में कर्म श्रेष्ठ नहीं बने हैं तब तक कितनी भी मेहनत करेंगे तो भी मुक्ति जीवनमुक्ति प्राप्त नहीं करेंगे।" - ओम् शान्ति।...

12-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें रूहानी कमाई में बहुत-बहुत ध्यान देना है”

आप तपस्वी बच्चों का आसन है - एकरस स्थिति, फरिश्ता स्थिति। इन्हीं श्रेष्ठ स्थितियों के आसन पर स्थित होकर तपस्या करो। जैसे स्थूल आसन पर शरीर बैठता है ऐसे श्रेष्ठ स्थिति के आसन पर मन-बुद्धि को बिठा दो - ओम् शान्ति।...

11-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “आपस में मिलकर राय निकालो कि कैसे सभी को सत्य बाप का परिचय दें”

एक तरफ राज्य और दूसरे तरफ ऋषि अर्थात् बेहद के वैरागी। ऐसे राजऋषि का कहाँ भी - चाहे अपने में, चाहे व्यक्ति में, चाहे वस्तु में..... लगाव नहीं हो सकता। इसलिए स्वयं को राजऋषि समझना अर्थात् राजा के साथ-साथ बेहद के वैरागी बनना।- ओम् शान्ति।...

10-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “भारत को पाक (पावन) बनाने की सेवा पर रहना है”

जो बच्चे तीव्र पुरूषार्थी हैं वह हर घड़ी को अन्तिम घड़ी समझकर एवररेडी रहते हैं। यही सोचो कि अपनी अन्तिम घड़ी का कोई भरोसा नहीं इसलिए एवररेडी, अपनी स्थिति सदा उपराम रहे। सबसे न्यारे और बाप के प्यारे, नष्टोमोहा। सदा निर्मोही और निर्विकल्प, निरव्यर्थ, व्यर्थ भी न हो तब...

08-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बुद्धि को शुद्ध करने के लिए प्रवृत्ति में बहुत युक्ति से चलना है”

संगम के समय दु:ख के लहरों की कई बातें सामने आयेंगी लेकिन अपने अन्दर वो दु:ख की लहर दु:खी नहीं करे। जैसे गर्मी की मौसम में गर्मी होगी लेकिन स्वयं को बचाना अपने ऊपर है। तो दु:ख की बातें सुनते हुए भी दिल पर उसका प्रभाव न पड़े। जब...

07-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप तुम्हें ज्ञान की कस्तूरी देते हैं तो ऐसे बाप पर तुम्हें कुर्बान जाना है”

बच्चे जब भी स्नेह से बाप को याद करते हैं तो समीप और साथ का अनुभव करते हैं। दिल से बाबा कहा और दिलाराम हाज़िर इसीलिए कहते हैं हज़ूर हाज़िर है। हाज़िरा हज़ूर है। स्नेह की विधि से हर स्थान पर हर एक के पास हज़ूर हाज़िर हो जाते...

06-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अपनी सम्भाल करो – खबरदार रहो”

आप बच्चे विश्व की सर्व आत्माओं के आधारमूर्त हो। आपकी श्रेष्ठ वृत्ति से विश्व का वातावरण परिवर्तन हो रहा है। आपके श्रेष्ठ कर्मो से श्रेष्ठाचारी दुनिया बन रही है, ऐसी जिम्मेवारी का ताज पहनने वाले आप बच्चे ही भविष्य के ताजधारी बनते हो।- ओम् शान्ति।...

05-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम ईश्वरीय सन्तान बने हो। स्वयं ईश्वर तुम्हें पढ़ाते हैं।”

उमंग-उत्साह आप ब्राह्मणों के उड़ती कला के पंख हैं। यह उमंग-उत्साह ब्राह्मणों के लिए बड़े से बड़ी शक्ति है। नीरस जीवन नहीं है। उमंग-उत्साह का रस है तो कभी दिलशिकस्त नहीं हो सकते, सदा दिलखुश। उमंग-उत्साह, तूफान को भी तोहफा बना देता है। परीक्षा वा समस्या को मनोरंजन अनुभव...

04-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें बाप को याद करने की रेस करनी है”

सर्वशक्तिमान् बाप को अपना साथी बना लो तो शक्तियां सदा साथ रहेंगी। और जहाँ सर्व शक्तियां हैं वहाँ सफलता न हो - यह असम्भव है। मास्टर सर्वशक्तिमान् के आगे सफलता तो आगे पीछे घूमती है। - ओम् शान्ति।...

03-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम हो रूहानी योद्धे”

हीरो पार्टधारी उसे कहा जाता - जिसकी कोई भी एक्ट साधारण न हो, हर पार्ट एक्यूरेट हो। कितनी भी समस्यायें हो, कैसी भी परिस्थितियां हों किसी के भी अधीन नहीं, अधिकारी बन समस्याओं को ऐसे पार करें जैसे खेल-खेल में पार कर रहे हैं। खेल में सदा खुशी रहती...