परमात्मा के महावाक्य – “मैं इस आसुरी दुनिया का विनाश कर दैवी सृष्टि की स्थापना करता हूँ”
मातेश्वरी जी के अनमोल महावाक्य: –
हम जो भी कुछ इस नज़र से देखते हैं, जानते हैं अब कलियुग की अन्त है और सतयुगी दैवी दुनिया की स्थापना हो रही है। हमारी नज़रों में यह कलियुगी दुनिया खत्म हुई पड़ी है। जैसे गीता में भगवान के महावाक्य है – बच्चे, यह जो गुरु गोसाई आदि देखते हो यह सब मरे ही पड़े हैं। वैसे हम समझते हैं इतने सारे जो मनुष्य सम्प्रदाय हैं वो सब आइरन एज तक पहुँच चुके हैं
तब ही परमात्मा के महावाक्य हैं, मैं इस आसुरी दुनिया का विनाश कर दैवी सृष्टि की स्थापना करता हूँ, तभी हम कह सकते हैं कि सब मरे ही पड़े हैं। तो अपना इस दुनिया से कोई भी कनेक्शन नहीं है। कहते हैं पुरानी दुनिया न जीती देखो,
नई दुनिया के लिये सप्ताह कोर्स करो क्योंकि नई दुनिया की स्थापना होगी अर्थात् जीते रहेंगे तो अपने लिये यह दुनिया है ही नहीं। भल मनुष्य समझते हैं हम अच्छे कर्म करेंगे, दान पुण्य करेंगे तो फिर से आकर इस दुनिया में भोगेंगे।
लेकिन यह जो हम जान चुके हैं कि यह दुनिया अब खत्म होने वाली है। तो इस विनाशी दुनिया की प्रालब्ध ही विनाशी है। वो जन्म जन्मान्तर नहीं चलेगी, अब देखो हमारी नज़र और दुनिया की नज़र में कितना फर्क है। अब यह निश्चय भी तब बैठता है जब यह निश्चय हो कि हमें पढ़ाने वाला कौन है?
अच्छा – ओम् शान्ति।
SOURSE: 4-8-2022 प्रात: मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन.