30-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तो बाप आये हैं पुरानी दुनिया को नया बनाने। नई दुनिया सतयुग थी, यह पुरानी दुनिया कलियुग है। इनको अब बदलना है। जैसे पुराना घर खत्म हो नया घर बनता है। सतयुग के बाद त्रेता, द्वापर, कलियुग फिर सतयुग आना जरूर है। वर्ल्ड की हिस्ट्री-जॉग्राफी रिपीट होनी है।...
29-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं तुम ही राज्य लेते हो और कोई ले न सके, सिवाए तुम भारतवासियों के, जो अभी अपने को हिन्दू कहलाते हैं। हम भल कुछ भी नाम दें, हम वास्तव में आदि सनातन देवी-देवता धर्म के थे। अब ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय धर्म की स्थापना हो रही है।...
27-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
श्रीमत पर हर एक को अपना कल्याण करना है, अपनी जाँच करनी है कि कितना बाप को याद करता हूँ और कितनी बाप की सर्विस करता हूँ। रूहानी खुदाई खिदमतगार तुम हो ना। OM SHANTI...
28-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
त्रिमूर्ति के ऊपर है शिवबाबा, वह बैठ ब्रह्मा द्वारा समझाते हैं वही फिर पालना करेंगे। तुम हो ब्रह्माकुमार कुमारियां ऊंच ते ऊंच ब्राह्मण वर्ण ईश्वरीय सन्तान। ईश्वर के रचे हुए यज्ञ की तुम सम्भाल करते हो। राजाई प्राप्त कराने के लिए बाप ने यज्ञ रचा है - राजस्व अश्वमेध...
26-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
‘सदा हर आत्मा को सुख देने वाले सुखदाता बाप के बच्चे हो? जो सबको सुख देता है, उसे सबकी आशीर्वाद मिलती है इसलिए स्वयं को भी सदा सुख में अनुभव करते हैं। इस विशेषता से वर्तमान भी अच्छा और भविष्य भी अच्छा बन जायेगा। OM SHANTI...
25-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
श्रेष्ठाचारी दुनिया तो सब चाहते हैं परन्तु वह कौन बनायेगा? भगवानुवाच - मैं इन साधुओं, सन्तों का भी उद्धार करता हूँ। गीता में भी लिखा हुआ है कि भगवान को ही सबका उद्धार करना है। एक ही भगवान बाप आकर सबका उद्धार करते हैं। OM SHANTI...
24-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप कहते हैं कि मुझे याद करो, थोड़े टाइम के लिए, मैंने इस तन का लोन लिया है। शरीर बिगर आत्मा कैसे बोल सकेगी! भगवानुवाच है कि मैं बूढ़े साधारण तन में प्रवेश कर तुम बच्चों को पढ़ाता हूँ। OM SHANTI...
23-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
तुम बच्चे कितने सौभाग्यशाली बनते हो, जो राज्य भाग्य 21 जन्मों के लिए मिलता है तो यह सिर्फ अन्तिम जन्म पावन बनना है, कितनी बड़ी प्राप्ति है। कितना भारी फल है। तो बाप की श्रीमत पर चलना चाहिए। OM SHANTI...
22-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
भारत में ही परमपिता परमात्मा आकर सब मनुष्य मात्र की सद्गति करते हैं। उनका बर्थ प्लेस भारत है। बाप कहते हैं - मैं कल्प पहले मुआफिक ब्रह्मा के ही तन में आकर राजयोग सिखलाता हूँ। यज्ञ में ब्राह्मण तो जरूर चाहिए। यह है राजस्व अश्वमेध अविनाशी ज्ञान यज्ञ। OM...
21-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप स्वर्ग का रचयिता है। अभी तुम हो संगम पर। इनको नई दुनिया तो कोई भी नहीं कहेंगे। नई दुनिया का नाम ही है स्वर्ग। वही फिर पुरानी दुनिया बनती है। OM SHANTI...