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05-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम ईश्वरीय सन्तान बने हो। स्वयं ईश्वर तुम्हें पढ़ाते हैं।”

उमंग-उत्साह आप ब्राह्मणों के उड़ती कला के पंख हैं। यह उमंग-उत्साह ब्राह्मणों के लिए बड़े से बड़ी शक्ति है। नीरस जीवन नहीं है। उमंग-उत्साह का रस है तो कभी दिलशिकस्त नहीं हो सकते, सदा दिलखुश। उमंग-उत्साह, तूफान को भी तोहफा बना देता है। परीक्षा वा समस्या को मनोरंजन अनुभव...

04-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें बाप को याद करने की रेस करनी है”

सर्वशक्तिमान् बाप को अपना साथी बना लो तो शक्तियां सदा साथ रहेंगी। और जहाँ सर्व शक्तियां हैं वहाँ सफलता न हो - यह असम्भव है। मास्टर सर्वशक्तिमान् के आगे सफलता तो आगे पीछे घूमती है। - ओम् शान्ति।...

03-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम हो रूहानी योद्धे”

हीरो पार्टधारी उसे कहा जाता - जिसकी कोई भी एक्ट साधारण न हो, हर पार्ट एक्यूरेट हो। कितनी भी समस्यायें हो, कैसी भी परिस्थितियां हों किसी के भी अधीन नहीं, अधिकारी बन समस्याओं को ऐसे पार करें जैसे खेल-खेल में पार कर रहे हैं। खेल में सदा खुशी रहती...

02-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “ब्राह्मण अर्थात् सदा श्रेष्ठ भाग्य के अधिकारी”

"आप बच्चे प्रकृति और मनुष्यात्माओं की वृत्ति को परिवर्तन करने के जिम्मेवार हो। लेकिन यह जिम्मेवारी तब ही निभा सकेंगे जब आपकी वृत्ति शुभ भावना, शुभ कामना से सम्पन्न, सतोप्रधान और शक्तिशाली होगी। जिम्मेवारी की स्मृति सदा अलर्ट बना देगी।" - ओम् शान्ति।...

“यह ईश्वरीय ज्ञान सतयुग में नहीं मिलता“

“यह ईश्वरीय ज्ञान सतयुग में नहीं मिलता“ - अब ज्ञान की जरूरत है अज्ञानियों को। परन्तु वहाँ तो सब ज्ञान स्वरूप हैं, वहाँ कोई अज्ञानी रहता ही नहीं है, जो ज्ञान देने की जरूरत रहे। - ओम् शान्ति।...