23-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “आसुरी सोसायटी को दैवी सोसायटी बनाने की सेवा करो”
जैसे वाणी द्वारा सेवा करते हो ऐसे वाणी के साथ वृत्ति द्वारा सेवा करो तो फास्ट सेवा होगी क्योंकि बोल तो समय पर भूल जाते हैं लेकिन वायब्रेशन के रूप में मन और बुद्धि पर छाप लग जाती है।इसलिए मन-बुद्धि को व्यर्थ वायब्रेशन से मुक्त रखो - तब डबल...