“आत्मा और परमात्मा में फर्क।”
"इस सारे जगत् का निर्णय परमात्मा आकर करता है , वही हमें रचता का भी परिचय देते हैं और फिर अपनी रचना का भी परिचय देते हैं।"- ओम् शान्ति।...
“The difference between souls and the Supreme Soul.”
God comes and decides about this world, He alone gives us the introduction of the Creator and He then also introduces His creation to us. – Om Shanti....
28-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The Father – The Innocent Lord is the only One who fills your aprons with jewels of knowledge.”
Any festival is celebrated to bring zeal and enthusiasm. The lives of you Brahmin children are lives full of enthusiasm. Just as there is life in this body when there is breath, in the same way, the breath of Brahmin life is zeal and enthusiasm. This is why every...
28-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “भोलानाथ बाप एक है जो तुम्हारी झोली ज्ञान रत्नों से भरते हैं”
कोई भी उत्सव, उमंग उत्साह के लिए मनाते हैं। आप ब्राह्मण बच्चों की जीवन ही उत्साह भरी जीवन है। जैसे इस शरीर में श्वांस है तो जीवन है ऐसे ब्राह्मण जीवन का श्वांस ही उमंग-उत्साह है। इसलिए संगमयुग की हर घड़ी उत्सव है।तो चेक करो कि ब्राह्मण जीवन के...
27-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “To be a sannyasi means to become a completely pure and firm yogi.”
The special slogan of this alokik Brahmin life is “Greater glorification through less expense”. Spend less, but have very beautiful attainment, that is, let the result be the best of all. You would say that your life is full of spirituality when you spend less through your words and...
26-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Your Godly clan is the most elevated of all.”
If you want to experience happiness in Brahmin life, it is essential for you to conquer anger. Even if someone swears at you or insults you, you must not get angry. To show bossiness is also a trace of anger. In today’s world, things get spoilt because of anger,...
26-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “हमारा ईश्वरीय कुल सबसे ऊंचा है”
ब्राह्मण जीवन में यदि सुख का अनुभव करना है तो क्रोधजीत बनना अति आवश्यक है। भल कोई गाली भी दे, इनसल्ट करे लेकिन आपको क्रोध न आये। रोब दिखाना भी क्रोध का ही अंश है। आजकल के समय प्रमाण क्रोध से काम बिगड़ता है और आत्मिक प्यार से, शान्ति...
25-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम कर्मयोगी हो कर्म करते हुए बाप की याद में रहो”
बाप ने सभी बच्चों को एक जैसा खजाना देकर बालक सो मालिक बना दिया है। खजाना सबको एक जैसा मिला है लेकिन यदि कोई भरपूर नहीं है तो उसका कारण है कि खजाने को सम्भालना वा बढ़ाना नहीं आता है। अटेन्शन और चेकिंग - यह दोनों पहरे वाले ठीक...
25-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you are karma yogis While performing actions stay in remembrance of the Father.”
The Father has given all of you children treasures equally and made you into masters. All of you have received equal treasures, but if one of you is not full, the reason for that is you don’t know how to look after and increase your treasures.When the guards of...
24-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “जैसे खुद नॉलेजफुल बने हो ऐसे औरों को भी बनाते रहो”
आप आत्मा रूपी दीपक की लगन एक दीपराज बाप के साथ लगना ही सच्ची दीपावली है। जैसे दीपक में अग्नि होती है ऐसे आप दीपकों में लगन की अग्नि है, जिससे अज्ञानता का अंधकार दूर होता है।- ओम् शान्ति।...