16-4-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 3-04-1994: “सन्तुष्टता काआधार – सम्बन्ध सम्पत्ति और सेहत (तन्दुरुस्ती)”
जब यह अनुभव हो जाता है कि मेरा बाबा है, तो जो मेरा होता है वह स्वत: याद रहता है। याद किया नहीं जाता है। मेरा अर्थात् अधिकार प्राप्त हो जाना। मेरा बाबा और मैं बाबा का - इसी को कहा जाता है सहजयोग।यह अटूट याद ही सर्व समस्याओं...
15-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – एक दो को खुशी की खुराक खिलाते रहो”
वर्तमान समय कई आत्मायें आपके सहयोग के लिए चात्रक हैं लेकिन अपनी शक्ति नहीं है। उन्हें आपको अपने शक्तियों की मदद विशेष देनी पड़ेगी इसलिए निमित्त बने हुए सेवाधारियों में सर्व शक्तियों की पावर चाहिए।- ओम् शान्ति।...
15-4-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children – continue to serve one another the nourishment of happiness.”
At present, many souls are thirsty for your co-operation, but they do not have their own power. You especially have to give them help with your powers. Therefore, you servers who are instruments, have to have the power of all powers.– Om Shanti....
14-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – मम्मा बाबा समान सर्विस करने के लिए बुद्धि को सतोप्रधान बनाओ।”
साधनों को आधार बनाने के बजाए अपनी साधना के आधार से साधनों को कार्य में लगाओ।साधनों के साथ साधना हो तो हर कार्य में बाप की ब्लैसिंग का अनुभव करेंगे, उमंग-उत्साह भी कम नहीं होगा।- ओम् शान्ति।...
14-4-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children – in order to do service like Mama and Baba make your intellects satopradhan.”
Instead of making the facilities your support, use the facilities on the basis of your spiritual endeavour. Do not make any of the facilities the basis for your progress.Make spiritual endeavour as well as using the facilities and you will experience the Father’s blessings in every task you do...
13-4-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Exchange imperishable jewels of knowledge among yourselves and sustain one another.”
Spiritual endeavour means to have powerful remembrance of the father and have a true relationship in the heart with Him. Just as when you sit down to have yoga, you sit with concentration, in the same way, keep your heart, mind and intellect sitting with the Father. This is...
13-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – आपस में अविनाशी ज्ञान रत्नों की लेन-देन करके एक दो की पालना करो”
साधना अर्थात् शक्तिशाली याद। बाप के साथ दिल का सच्चा संबंध। जैसे योग में शरीर से एकाग्र होकर बैठते हो ऐसे दिल, मन-बुद्धि सब एक बाप की तरफ बाप के साथ-साथ बैठ जाए - यही है यथार्थ साधना।वास्तव में याद में फरियाद की आवश्यकता नहीं, जिसका दिल से बाप...
12-4-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children knowledge is nectar and yoga is fire.”
The special inculcation of Brahmin life is purity, for this is the main basis of constant supersensuous happiness and sweet silence. Purity is not just celibacy but to be celibate and to be constantly Brahma-achari (one who follows in the footsteps of Brahma), that is, to be one who...
12-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – ज्ञान अमृत है और योग अग्नि है”
ब्राह्मण जीवन की विशेष धारणा पवित्रता है, यही निरन्तर अतीन्द्रिय सुख और स्वीट साइलेन्स का विशेष आधार है। पवित्रता सिर्फ ब्रह्मचर्य नहीं लेकिन ब्रह्मचारी और सदा ब्रह्माचारी अर्थात् ब्रह्मा बाप के आचरण पर हर कदम चलने वाले।- ओम् शान्ति।...
11-4-2023 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children die alive.”
Once the children recognise the Father and from their heart say, “My Baba", BapDada, the Ocean of Mercy, looks at such children with spiritual love as a multimillion fold return. This drishti of love and mercy constantly enables them to move forward. This awareness of spiritual belonging becomes a...