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17-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें जितना बाबा कहने से सुख फील होता है उतना भक्तों को भगवान वा ईश्वर कहने से नहीं फील हो सकता।”

जब भी अकेलेपन का अनुभव हो तो उस समय बिन्दू रूप को याद नहीं करो। वह मुश्किल होगा, उससे बोर हो जायेंगे। उस समय अपने रमणीक अनुभवों की कहानी को स्मृति में लाओ, अपने स्वमान की, प्राप्तियों की लिस्ट सामने लाओ। कम्बाइन्ड बन सर्व सम्बन्धों के स्नेह का रस...

15-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “याद में रहने का पुरुषार्थ जरूर करना है क्योंकि याद से ही आत्मा पावन बनेंगी”

संगमयुग पर बाप द्वारा अनेक स्वमान प्राप्त हैं। रोज़ एक नया स्वमान स्मृति में रखो तो स्वमान के आगे देहभान ऐसे भाग जायेगा जैसे रोशनी के आगे अंधकार भाग जाता है। न समय लगता, न मेहनत लगती। आपके पास डायरेक्ट परमात्म लाइट का कनेक्शन है, जो ऐसे स्वमान में...

14-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अहंकार में नहीं आना है शुद्ध घमण्ड में रहना है”

शान्ति की शक्ति सर्वश्रेष्ठ शक्ति है। और सभी शक्तियां इसी एक शक्ति से निकली हैं। साइन्स की शक्ति भी इसी शान्ति की शक्ति से निकली है। शान्ति की शक्ति द्वारा असम्भव को भी सम्भव कर सकते हो। जिसे दुनिया वाले असम्भव कहते वह आप योगी तू आत्मा बच्चों के...

13-11-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 10-12-1992: “पूर्वज और पूज्य की स्मृति में रहकर सर्व की अलौकिक पालना करो

ह संगमयुग स्मृति का युग है और कलियुग विस्मृति का युग है। अगर अपने श्रेष्ठ पार्ट, श्रेष्ठ भाग्य की सदा स्मृति है तो हीरे समान वैल्युबुल हो और अगर विस्मृति है तो पत्थर हो। संगमयुग के रहवासी कभी कलियुग में चक्कर लगाने जा नहीं सकते। अगर थोड़ा भी बुद्धि...