21-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “पहले अपना भला करो फिर दूसरों का भला करने के लिए सेवा करो”
महानता की निशानी निर्मानता है, जितना निर्मान बनेंगे उतना सबके दिल में महान स्वत: बनेंगे। निर्मानता निरंहकारी सहज बनाती है। निर्मानता महिमा योग्य बना देती है। निर्मानता सबके मन में प्यार का स्थान बना देती है, वह बाप समान मास्टर सुखदाता बन जाते हैं।- ओम् शान्ति।...
21-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “First of all benefit yourselves and then serve others to benefit them.”
The sign of greatness is humility. The more humble you are, the greater you will naturally be in everyone’s heart. Humility easily makes you egoless. Humility makes you praiseworthy. Humility makes a place for you in everyone’s mind. Such a soul becomes a master bestower of happiness, the same...
20-11-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 20-12-1992: “आज्ञाकारी ही सर्वशक्तियों के अधिकारी”
अभिमान अर्थात् अंहकार, नशा, रोब - ये सूक्ष्म देह-अभिमान है। तो यह अभिमान कभी भी आकारी फरिश्ता वा निराकारी बनने नहीं देगा, इसलिए इसके अंश मात्र का भी त्याग करो तो सहज ही आकारी सो निराकारी बन सकेंगे। - ओम् शान्ति।...
20-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised: 20-12-1992:“Only those who are obedient have a right to all the powers.”
There is arrogance, intoxication or bossiness, and it is subtle body consciousness. That arrogance never allows you to become a subtle angel or incorporeal. Therefore, renounce even any subtle trace of it and you will easily be able to become subtle and incorporeal. – Om Shanti....
19-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “पावन बनने वालों को ही सद्गति प्राप्त होगी”
सम्पूर्ण पवित्र वह है जिसमें अपवित्रता का अंश-मात्र भी न हो। पवित्रता ही ब्राह्मण जीवन की पर्सनैलिटी है। यह पर्सनैलिटी ही सेवा में सहज सफलता दिलाती है।जैसे पवित्रता के साथ सुख-शान्ति है, ऐसे अपवित्रता के साथ पांचों विकारों का गहरा संबंध है, इसलिए एक भी विकार का अंश न...
19-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Only those who become pure will receive salvation”
Someone who doesn’t have the slightest trace of impurity is said to be completely pure. Purity is the personality of Brahmin life. This personality enables you to achieve success easily in the service you do. Therefore, make sure that there isn’t the slightest trace of even one vice, for...
18-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुमने जीते जी बेहद के बाप की गोद ली है उनकी सन्तान बने हो तो श्रीमत पर जरूर चलना है”
जैसे ब्राह्मण फैमली बढ़ाने की प्लैनिंग करते हो, ऐसे अब यह भी प्लैन करो जो कोई भी आत्मा ब्राह्मण परिवार से किनारे नहीं हो जाए। किले को ऐसा मजबूत बनाओ जो कोई जा ही नहीं सके। जब इस यज्ञ के किले को अपने योग के पावरफुल वायब्रेशन द्वारा मजबूत...
18-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You have become His children and so you definitely have to follow His shrimat.”
Just as you make plans to increase the Brahmin family, in the same way, also plan to make sure no soul leaves from the Brahmin family. Make the fortress so strong that no one can leave. When the thought has emerged in you to make the fortress of this...
17-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Devotees cannot feel as much happiness when they say “Bhagwan” or “Ishwar” as you feel when you say “Baba”.”
When you feel lonely, do not remember the Point form at that time. That would be difficult and you would become bored. At that time, become aware of your entertaining and playful experiences. Remember a list of things of your self-respect and attainments. This is “Manmanabhav”– Om Shanti....
17-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें जितना बाबा कहने से सुख फील होता है उतना भक्तों को भगवान वा ईश्वर कहने से नहीं फील हो सकता।”
जब भी अकेलेपन का अनुभव हो तो उस समय बिन्दू रूप को याद नहीं करो। वह मुश्किल होगा, उससे बोर हो जायेंगे। उस समय अपने रमणीक अनुभवों की कहानी को स्मृति में लाओ, अपने स्वमान की, प्राप्तियों की लिस्ट सामने लाओ। कम्बाइन्ड बन सर्व सम्बन्धों के स्नेह का रस...