24-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Children remember Me imbibe knowledge and serve others.”
In order to become a natural yogi, keep your mind and intellect completely free from all waste. For this, as well as being knowledge-full, also become powerful. Knowledge means understanding and someone who knows how to understand, how to finish and how to transform is considered to be sensible....
“What is the basis of being unfortunate or fortunate?”
God who makes us fortunate and human beings themselves who become unfortunate. – Om Shanti....
“बदनसीबी और खुशनसीबी यह दो शब्दों का मदार किस पर चलता है?”
खुशनसीब बनाने वाला परमात्मा और बदनसीब बनाने वाला खुद ही मनुष्य है। - ओम् शान्ति।...
23-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Do the service of making the devilish society into the deity society”
Just as you serve with words, in the same way, together with words, also serve with your attitude. Service will then take place fast because you can forget words with time, but you can put a stamp on minds and intellects with your vibrations. Therefore, keep your mind and...
23-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “आसुरी सोसायटी को दैवी सोसायटी बनाने की सेवा करो”
जैसे वाणी द्वारा सेवा करते हो ऐसे वाणी के साथ वृत्ति द्वारा सेवा करो तो फास्ट सेवा होगी क्योंकि बोल तो समय पर भूल जाते हैं लेकिन वायब्रेशन के रूप में मन और बुद्धि पर छाप लग जाती है।इसलिए मन-बुद्धि को व्यर्थ वायब्रेशन से मुक्त रखो - तब डबल...
22-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “पुरुषार्थ कर सर्वगुण सम्पन्न बनना है दैवीगुण धारण करने हैं”
एक ‘मैं' शब्द ही उड़ाने वाला है और ‘मैं' शब्द ही नीचे ले आने वाला है। मैं कहने से ओरीज्नल निराकार स्वरूप याद आ जाये, यह नेचुरल हो जाए, देह भान का मैं समाप्त हो जाए तो देह के बंधन से मुक्त बन जायेंगे क्योंकि मैं निराकारी आत्मा हूँ,...
22-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “make effort and become full of all virtues. Imbibe divine virtues.”
The word “I” makes you fly and the word “I” also brings you down. When you say “I”, remember your original incorporeal form. Let it become natural. Finish the “I” of body consciousness and you will become free from any bondage of your body because you will go beyond...
21-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “पहले अपना भला करो फिर दूसरों का भला करने के लिए सेवा करो”
महानता की निशानी निर्मानता है, जितना निर्मान बनेंगे उतना सबके दिल में महान स्वत: बनेंगे। निर्मानता निरंहकारी सहज बनाती है। निर्मानता महिमा योग्य बना देती है। निर्मानता सबके मन में प्यार का स्थान बना देती है, वह बाप समान मास्टर सुखदाता बन जाते हैं।- ओम् शान्ति।...
21-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “First of all benefit yourselves and then serve others to benefit them.”
The sign of greatness is humility. The more humble you are, the greater you will naturally be in everyone’s heart. Humility easily makes you egoless. Humility makes you praiseworthy. Humility makes a place for you in everyone’s mind. Such a soul becomes a master bestower of happiness, the same...
20-11-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 20-12-1992: “आज्ञाकारी ही सर्वशक्तियों के अधिकारी”
अभिमान अर्थात् अंहकार, नशा, रोब - ये सूक्ष्म देह-अभिमान है। तो यह अभिमान कभी भी आकारी फरिश्ता वा निराकारी बनने नहीं देगा, इसलिए इसके अंश मात्र का भी त्याग करो तो सहज ही आकारी सो निराकारी बन सकेंगे। - ओम् शान्ति।...