26-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
वर्तमान समय आप बच्चे ऐसे श्रेष्ठ सम्पूर्ण अधिकारी बनते हो जो स्वयं आलमाइटी अथॉरिटी के ऊपर आपका अधिकार है। इस समय ही बाप द्वारा सर्वश्रेष्ठ सम्पत्ति भव का वरदान मिलता है। आपके पास सर्व गुणों की, सर्व शक्तियों की और श्रेष्ठ ज्ञान की अविनाशी सम्पत्ति है, इसलिए आप जैसा...
25-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
संगमयुग पर बापदादा की विशेष देन सन्तुष्टता है। सन्तोषी आत्मा के आगे कैसी भी हिलाने वाली परिस्थिति ऐसे अनुभव होगी जैसे पपेट शो (कठपुतली का खेल)।माया वा प्रकृति का यह एक शो है, जिसको साक्षी स्थिति में स्थिति हो, अपनी शान में रहते हुए, सन्तुष्टता के स्वरूप में देखते...
24-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:31/03/90.
सहजयोग का आधार है - स्नेह और स्नेह का आधार है संबंध। संबंध से याद करना सहज होता है। संबंध से ही सर्व प्राप्तियां होती हैं। उन प्राप्तियों को बुद्धि में इमर्ज करो तो खुशी की अनुभूति होगी और सहज योगी बन जायेंगे।– “ॐ शान्ति”।...
20-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सेवाओं में जब भी कोई हलचल हुई है तो उसमें विजय योग के प्रयोग से ही मिली है, इसलिए पुरूषार्थ से धरनी बनाओ लेकिन बीज को प्रत्यक्ष करने के लिए योग का प्रयोग करो तब विजयी भव का वरदान प्राप्त होगा।- ओम् शान्ति।...
18-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
जो बच्चे परमात्म प्यारे हैं वह सदा दिलतख्त पर रहते हैं। कोई की हिम्मत नहीं जो दिलाराम के दिल से उन्हें अलग कर सके, इसलिए आप दुनिया के आगे फखुर से कहते हो कि हम परमात्म प्यारे बन गये। इसी फखुर में रहने के कारण सब फिकरातों से फारिग...
16-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
जो बच्चे मास्टर सर्वशक्तिमान् की अथॉरिटी से शक्तियों को आर्डर प्रमाण चलाते हैं, तो हर शक्ति रचना के रूप में मास्टर रचयिता के सामने आती है। ऑर्डर किया और हाजिर हो जाती है। ऐसे आर्डर प्रमाण शक्तियों को कार्य में लगाने वालों को ही मास्टर रचयिता कहेंगे। - ओम्...
14-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
“मालिक सो बालक हैं'' - जब चाहो मालिकपन की स्थिति में स्थित हो जाओ और जब चाहो बालकपन की स्थिति में स्थित हो जाओ, यह डबल नशा सदा निर्विघ्न बनाने वाला है। ऐसी आत्माओं का टाइटल है विघ्न-विनाशक। - ओम् शान्ति।...
12-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सदा सेफ रहने का स्थान-दिलाराम बाप का दिलतख्त है। सदा इसी स्मृति में रहो कि हमारा ही यह श्रेष्ठ भाग्य है जो भगवान के दिलतख्त-नशीन बन गये। जो परमात्म दिल में समाया हुआ अथवा दिलतख्तनशीन है वह सदा सेफ है। - ॐ शान्ति। ...
11-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सेना में जो सैनिक होते हैं वह कभी भी अलबेले नहीं रहते, सदा अटेन्शन में अलर्ट रहते हैं। आप भी पाण्डव सेना हो इसमें जरा भी अबेलापन न हो। अटेन्शन एक नेचुरल विधि बन जाए। नेचुरल अटेन्शन अपनी नेचर बनाओ। अटेन्शन रखने से स्वत: स्मृति स्वरूप बन जायेंगे, विस्मृति...
10-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सदाकाल की रूहानी अलौकिक मौज में रहो - यही यथार्थ ब्राह्मण जीवन है। मौज के साथ कर्मो की गुह्य गति के ज्ञाता भी बनो। – ॐ शान्ति।...