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06-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अपनी सम्भाल करो – खबरदार रहो”

आप बच्चे विश्व की सर्व आत्माओं के आधारमूर्त हो। आपकी श्रेष्ठ वृत्ति से विश्व का वातावरण परिवर्तन हो रहा है। आपके श्रेष्ठ कर्मो से श्रेष्ठाचारी दुनिया बन रही है, ऐसी जिम्मेवारी का ताज पहनने वाले आप बच्चे ही भविष्य के ताजधारी बनते हो।- ओम् शान्ति।...

05-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम ईश्वरीय सन्तान बने हो। स्वयं ईश्वर तुम्हें पढ़ाते हैं।”

उमंग-उत्साह आप ब्राह्मणों के उड़ती कला के पंख हैं। यह उमंग-उत्साह ब्राह्मणों के लिए बड़े से बड़ी शक्ति है। नीरस जीवन नहीं है। उमंग-उत्साह का रस है तो कभी दिलशिकस्त नहीं हो सकते, सदा दिलखुश। उमंग-उत्साह, तूफान को भी तोहफा बना देता है। परीक्षा वा समस्या को मनोरंजन अनुभव...

04-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें बाप को याद करने की रेस करनी है”

सर्वशक्तिमान् बाप को अपना साथी बना लो तो शक्तियां सदा साथ रहेंगी। और जहाँ सर्व शक्तियां हैं वहाँ सफलता न हो - यह असम्भव है। मास्टर सर्वशक्तिमान् के आगे सफलता तो आगे पीछे घूमती है। - ओम् शान्ति।...

03-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम हो रूहानी योद्धे”

हीरो पार्टधारी उसे कहा जाता - जिसकी कोई भी एक्ट साधारण न हो, हर पार्ट एक्यूरेट हो। कितनी भी समस्यायें हो, कैसी भी परिस्थितियां हों किसी के भी अधीन नहीं, अधिकारी बन समस्याओं को ऐसे पार करें जैसे खेल-खेल में पार कर रहे हैं। खेल में सदा खुशी रहती...

02-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “ब्राह्मण अर्थात् सदा श्रेष्ठ भाग्य के अधिकारी”

"आप बच्चे प्रकृति और मनुष्यात्माओं की वृत्ति को परिवर्तन करने के जिम्मेवार हो। लेकिन यह जिम्मेवारी तब ही निभा सकेंगे जब आपकी वृत्ति शुभ भावना, शुभ कामना से सम्पन्न, सतोप्रधान और शक्तिशाली होगी। जिम्मेवारी की स्मृति सदा अलर्ट बना देगी।" - ओम् शान्ति।...

01-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बुद्धि में रहे जो कर्म मैं करूँगा मुझे देखकर सब करेंगे”

विघ्नों को देखकर घबराओ नहीं। मूर्ति बन रहे हो तो कुछ हेमर (हथौड़े) तो लगेंगे ही। हेमर से ही तो ठोक-ठोक कर ठीक करते हैं। तो जितना आगे बढ़ेंगे उतना तूफान ज्यादा क्रास करने पड़ेंगे। लेकिन आपके लिए यह तूफान तोहफा हैं - अनुभवी बनने के लिए। वेलकम करो...

30-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें अब श्रीमत पर सबकी तकदीर जगानी है”

प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजाने के लिए दृढ़ता सम्पन्न प्रतिज्ञा करो। प्रतिज्ञा करना माना जान की बाज़ी लगा देना। जान चली जाए लेकिन प्रतिज्ञा नहीं जा सकती। दृढ़ प्रतिज्ञा वाले कैसी भी परिस्थिति में हार नहीं खा सकते, वह गले का हार अर्थात् विजयी रत्न बन जाते हैं। - ओम्...

29-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम गॉडली स्टूडेन्ट हो”

पहले एवररेडी बनना ही सेफ्टी का साधन है। सदा याद रखो कि हम और बाप सदा साथ हैं। जैसे बाप सम्पन्न है वैसे साथ रहने वाले भी समान और सम्पन्न हो जायेंगे। समान बनने वाले ही साथ चलेंगे। - ओम् शान्ति।...

28-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सबको बाप का परिचय दे सुखदाई बनाओ”

दुनिया में हंगामा हो, झगड़े हो रहे हो, ऐसे अशान्ति के समय पर आप मास्टर शान्ति दाता बन औरों को भी शान्ति दो, घबराओ नहीं क्योंकि जानते हो जो हो रहा है वो भी अच्छा और जो होना है वह और अच्छा। - ओम् शान्ति।...