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15-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – एक दो को खुशी की खुराक खिलाते रहो”

वर्तमान समय कई आत्मायें आपके सहयोग के लिए चात्रक हैं लेकिन अपनी शक्ति नहीं है। उन्हें आपको अपने शक्तियों की मदद विशेष देनी पड़ेगी इसलिए निमित्त बने हुए सेवाधारियों में सर्व शक्तियों की पावर चाहिए।- ओम् शान्ति।...

14-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – मम्मा बाबा समान सर्विस करने के लिए बुद्धि को सतोप्रधान बनाओ।”

साधनों को आधार बनाने के बजाए अपनी साधना के आधार से साधनों को कार्य में लगाओ।साधनों के साथ साधना हो तो हर कार्य में बाप की ब्लैसिंग का अनुभव करेंगे, उमंग-उत्साह भी कम नहीं होगा।- ओम् शान्ति।...

13-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – आपस में अविनाशी ज्ञान रत्नों की लेन-देन करके एक दो की पालना करो”

साधना अर्थात् शक्तिशाली याद। बाप के साथ दिल का सच्चा संबंध। जैसे योग में शरीर से एकाग्र होकर बैठते हो ऐसे दिल, मन-बुद्धि सब एक बाप की तरफ बाप के साथ-साथ बैठ जाए - यही है यथार्थ साधना।वास्तव में याद में फरियाद की आवश्यकता नहीं, जिसका दिल से बाप...

9-4-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 9-03-1994: “न्यारा-प्यारा वन्डरफुल स्नेहऔरसुखभराअवतरण – शिवजयन्ती”

जैसे स्थूल रोशनी (लाइट) पर परवाने स्वत: आते हैं, ऐसे आप चमकते हुए सितारों पर भटकी हुई आत्मायें फास्ट गति से आयेंगी। इसके लिए अभ्यास करो - हर एक के मस्तक पर सदा चमकते हुए सितारे को देखने का। शरीरों को देखते भी न देखो। सदा नज़र चमकते हुए...

25-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – बाप को याद करने की खूब मेहनत करो”

एक दो के साथ सम्बन्ध वा सम्पर्क में आते हर एक की विशेषता को देखो। विशेषता देखने की ही दृष्टि धारण करो। जैसे आजकल का फैशन और मजबूरी चश्मे की है। तो विशेषता देखने वाला चश्मा पहनो। तो विशेषता के चश्में द्वारा कीचड़ को न देख कमल को देखने...