Tag: Bhagwanu Vach

4-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

They don't even write a letter to the Father from beyond from whom they receive such a great inheritance. They never even remember Him. Such a Father should be remembered so much. - Om Shanti -...

2-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Only the one Father gives this spiritual knowledge. The Father says: Now become soul conscious! Remember Me, your Supreme Father! You will become satopradhan from tamopradhan by having remembrance. - OM SHANTI -...

1-10-2021- ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

No one in the world knows what liberation-in-life is. No one even knows when the kingdom of Lakshmi and Narayan existed. You know that you are now claiming the deity sovereignty of purity from the Father. - OM SHANTI -...

30-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

तो बाप आये हैं पुरानी दुनिया को नया बनाने। नई दुनिया सतयुग थी, यह पुरानी दुनिया कलियुग है। इनको अब बदलना है। जैसे पुराना घर खत्म हो नया घर बनता है। सतयुग के बाद त्रेता, द्वापर, कलियुग फिर सतयुग आना जरूर है। वर्ल्ड की हिस्ट्री-जॉग्राफी रिपीट होनी है।...

29-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप कहते हैं तुम ही राज्य लेते हो और कोई ले न सके, सिवाए तुम भारतवासियों के, जो अभी अपने को हिन्दू कहलाते हैं। हम भल कुछ भी नाम दें, हम वास्तव में आदि सनातन देवी-देवता धर्म के थे। अब ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय धर्म की स्थापना हो रही है।...

27-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

श्रीमत पर हर एक को अपना कल्याण करना है, अपनी जाँच करनी है कि कितना बाप को याद करता हूँ और कितनी बाप की सर्विस करता हूँ। रूहानी खुदाई खिदमतगार तुम हो ना। OM SHANTI...

“राजऋषि सतयुगी होते हैं”

लोग यह जो कहते हैं द्वापर में राजऋषि थे, जिन्होंने बैठ यह वेद शास्त्र रचे क्योंकि वो त्रिकालदर्शी थे ... OM SHANTI...

28-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

त्रिमूर्ति के ऊपर है शिवबाबा, वह बैठ ब्रह्मा द्वारा समझाते हैं वही फिर पालना करेंगे। तुम हो ब्रह्माकुमार कुमारियां ऊंच ते ऊंच ब्राह्मण वर्ण ईश्वरीय सन्तान। ईश्वर के रचे हुए यज्ञ की तुम सम्भाल करते हो। राजाई प्राप्त कराने के लिए बाप ने यज्ञ रचा है - राजस्व अश्वमेध...

26-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

‘सदा हर आत्मा को सुख देने वाले सुखदाता बाप के बच्चे हो? जो सबको सुख देता है, उसे सबकी आशीर्वाद मिलती है इसलिए स्वयं को भी सदा सुख में अनुभव करते हैं। इस विशेषता से वर्तमान भी अच्छा और भविष्य भी अच्छा बन जायेगा। OM SHANTI...