19-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Constantly remember your aim and objective.”
your Brahmin birth is also a special birth. Your birth is elevated, your dharma (religion) is elevated and your karma (action) is elevated. When this greatness, your speciality, is in your awareness in a natural way you will become an easy effort-maker. Souls who have a special life cannot...
18-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:15-4-1992: “Two signs of Brahmins – Faith and Victory.”
For any negative thought or sanskar to be transformed and made positive in a second, you need to practise having traffic control throughout the day because the speed of wasteful and negative thoughts is very fast. At any time of a fast speed, apply a powerful brake and practise...
18-9-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 15-4-1992: “ब्राह्मणों की दो निशानियाँ – निश्चय और विजय”
कोई भी संकल्प वा संस्कार सेकण्ड में निगेटिव से पॉजिटिव में परिवर्तन हो जाए - इसके लिए सारे दिन में ट्रैफिक ब्रेक का अभ्यास चाहिए, क्योंकि व्यर्थ वा निगेटिव संकल्पों की गति बहुत फास्ट होती है। फास्ट गति के समय पावरफुल ब्रेक लगाकर परिवर्तन करने का अभ्यास करो। तब...
17-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम्हें इस जन्म में कौड़ी से हीरे जैसा बनना है”
प्रवृत्ति में रहते लक्ष्य रखो कि सेवा-स्थान पर सेवा के लिए हैं, जहाँ भी रहते वहाँ का वातावरण सेवा स्थान जैसा हो, प्रवृत्ति का अर्थ है पर-वृत्ति में रहने वाले अर्थात् मेरापन नहीं, बाप का है तो पर-वृत्ति है। कोई भी आये तो अनुभव करे कि ये न्यारे और...
17-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “In this birth you have to become diamonds from shells.”
While having with your family, have the aim of being at a service place to do service. Wherever you are living, let the atmosphere there be like that of a service place. A household means to have an attitude of being beyond, that is, of not having any consciousness...
16-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “यह पूज्य और पुजारी, ज्ञान और भक्ति का वन्डरफुल खेल है”
संगमयुग पर स्वयं बाप बच्चों को भिन्न-भिन्न टाइटल्स देते हैं, उन्हीं टाइटल्स को स्मृति में रखो तो श्रेष्ठ स्थिति में सहज ही स्थित हो जायेंगे। सिर्फ बुद्धि से वर्णन नहीं करो लेकिन सीट पर सेट हो जाओ, जैसा टाइटल वैसी स्थिति हो। यदि स्वदर्शन चक्रधारी का टाइटल स्मृति में...
16-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “this is a wonderful play about being worthy of worship and worshippers, about knowledge and devotion.”
At the confluence age, the Father gives you children different titles. Keep these titles in your awareness and you will easily be able to stabilise yourselves in an elevated stage. Don’t just describe them with intellect but get set on the seat. As the title is, let your stage...
15-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “इस दु:ख के घाट पर बैठ शान्तिधाम और सुखधाम को याद करो”
महान आत्मा वो है जिसमें स्वयं को बदलने की शक्ति है और जो किसी भी परिस्थिति में फुलस्टॉप लगाने में स्वयं को पहले आफर करते हैं - “मुझे करना है, मुझे बदलना है'', ऐसी आफर करने वालों को दुआयें मिलती हैं। फुलस्टॉप लगाकर अलबेलेपन को परिवर्तन कर अलर्ट बन...
15-9-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “while sitting in this place of sorrow, remember the land of peace and the land of happiness.”
A great soul is one who has the power to transform himself and first offers himself to put a full stop to any situation with “I have to do this, I have to change!” When you offer yourself in this way, you receive blessings. Put a full stop,...
14-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “यह रावण की शोकवाटिका है अभी तुम रावण को भगा रहे हो”
बिन्दु स्वरूप बाप और बिन्दु स्वरूप आत्मा - दोनों की स्मृति फुलस्टॉप अर्थात् बिन्दु लगाने में समर्थ बना देती है। समर्थ आत्मा के पास स्व के ऊपर कन्ट्रोल करने की कन्ट्रोलिंग पावर होती है। समर्थ आत्मा यही समझती कि यह मरना नहीं लेकिन स्वर्ग में स्वराज्य लेना है। -...