18-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुमने जीते जी बेहद के बाप की गोद ली है उनकी सन्तान बने हो तो श्रीमत पर जरूर चलना है”
जैसे ब्राह्मण फैमली बढ़ाने की प्लैनिंग करते हो, ऐसे अब यह भी प्लैन करो जो कोई भी आत्मा ब्राह्मण परिवार से किनारे नहीं हो जाए। किले को ऐसा मजबूत बनाओ जो कोई जा ही नहीं सके। जब इस यज्ञ के किले को अपने योग के पावरफुल वायब्रेशन द्वारा मजबूत...
18-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You have become His children and so you definitely have to follow His shrimat.”
Just as you make plans to increase the Brahmin family, in the same way, also plan to make sure no soul leaves from the Brahmin family. Make the fortress so strong that no one can leave. When the thought has emerged in you to make the fortress of this...
17-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Devotees cannot feel as much happiness when they say “Bhagwan” or “Ishwar” as you feel when you say “Baba”.”
When you feel lonely, do not remember the Point form at that time. That would be difficult and you would become bored. At that time, become aware of your entertaining and playful experiences. Remember a list of things of your self-respect and attainments. This is “Manmanabhav”– Om Shanti....
17-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें जितना बाबा कहने से सुख फील होता है उतना भक्तों को भगवान वा ईश्वर कहने से नहीं फील हो सकता।”
जब भी अकेलेपन का अनुभव हो तो उस समय बिन्दू रूप को याद नहीं करो। वह मुश्किल होगा, उससे बोर हो जायेंगे। उस समय अपने रमणीक अनुभवों की कहानी को स्मृति में लाओ, अपने स्वमान की, प्राप्तियों की लिस्ट सामने लाओ। कम्बाइन्ड बन सर्व सम्बन्धों के स्नेह का रस...
16-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “कोई भी देहधारी को याद करने से मुक्ति-जीवनमुक्ति नहीं मिल सकती”
बापदादा बच्चों को अपने स्नेह और सहयोग की गोदी में बिठाकर मंजिल पर ले जा रहे हैं। आप बच्चे सिर्फ परमात्म स्नेही बन गोद में समाये रहो तो मेहनत, मोहब्बत में बदल जायेगी। लवलीन हो हर कार्य करो। बापदादा हर समय सर्व संबंधों से आपके साथ हैं।- ओम् शान्ति।...
15-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you must definitely make effort to stay in remembrance because it is only by having remembrance that you souls will become pure.”
At the confluence age, you receive many types of self-respect from the Father. Keep a new aspect of self-respect in your awareness every day and body consciousness will be chased away in front of self-respect just as darkness is dispelled in front of light. This does not take...
15-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “याद में रहने का पुरुषार्थ जरूर करना है क्योंकि याद से ही आत्मा पावन बनेंगी”
संगमयुग पर बाप द्वारा अनेक स्वमान प्राप्त हैं। रोज़ एक नया स्वमान स्मृति में रखो तो स्वमान के आगे देहभान ऐसे भाग जायेगा जैसे रोशनी के आगे अंधकार भाग जाता है। न समय लगता, न मेहनत लगती। आपके पास डायरेक्ट परमात्म लाइट का कनेक्शन है, जो ऐसे स्वमान में...
14-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अहंकार में नहीं आना है शुद्ध घमण्ड में रहना है”
शान्ति की शक्ति सर्वश्रेष्ठ शक्ति है। और सभी शक्तियां इसी एक शक्ति से निकली हैं। साइन्स की शक्ति भी इसी शान्ति की शक्ति से निकली है। शान्ति की शक्ति द्वारा असम्भव को भी सम्भव कर सकते हो। जिसे दुनिया वाले असम्भव कहते वह आप योगी तू आत्मा बच्चों के...
14-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Don’t become arrogant but maintain your pure pride.”
The power of silence is the most elevated power; all the other powers have emerged from this one power. Even the power of science has emerged from this power of silence. With the power of silence, you can make the impossible possible. from your experience you say “We have...
13-11-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:10-12-1992: “Remain aware of being ancestors and worthy of worship and give alokik sustenance to everyone.”
The confluence age is the age of remembrance and the iron age is the age of forgetfulness. If you remain constantly aware of your elevated part and your elevated fortune, you are as valuable as a diamond, whereas if you forget this, you are a stone. Those who live...