5-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
निमित्तपन का भाव बोझ को सहज खत्म कर देता है। मेरी जिम्मेवारी है, मेरे को ही सम्भालना है, मेरे को ही सोचना है....तो बोझ होता है। जिम्मेवारी बाप की है और बाप ने ट्रस्टी अर्थात् निमित्त बनाया है इस स्मृति से डबल लाइट बन उड़ती कला का अनुभव करते...
4-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
अभी चढ़ती कला का समय समाप्त हुआ, अभी उड़ती कला का समय है। उड़ती कला की निशानी है डबल लाइट। थोड़ा भी बोझ होगा तो नीचे ले आयेगा। जब ऐसे आकर्षण मुक्त, डबल लाइट बनो तब सम्पूर्ण बन सकेंगे। - ॐ शान्ति। ...
3-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
डबल लाइट का अर्थ है सब कुछ बाप हवाले करना। आपका तो वायदा है कि तन-मन-धन सब तेरा। जब तन ही अपना नहीं तो बाकी क्या रहा। तो सदा कमल पुष्प का दृष्टान्त स्मृति में रहे कि मैं कमल पुष्प समान न्यारा और प्यारा हूँ। ऐसे न्यारे रहने वालों...
2-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
डबल लाइट स्थिति तीव्रगति के पुरूषार्थ की निशानी है, उसे किसी भी प्रकार का बोझ अनुभव होगा। डबल लाइट अर्थात् ऊंचा रहने से किसी भी प्रकार का प्रभाव, प्रभावित नहीं कर सकता।कम समय में सम्पूर्ण बनने की श्रेष्ठ मंजिल को प्राप्त कर लेंगे।- ॐ शान्ति। ...
1-1-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सहजयोग का अर्थ ही है - एक को याद करना। एक बाप दूसरा न कोई। तन-मन-धन सब तेरा, मेरा नहीं। ऐसे ट्रस्टी बन डबल लाइट रहने वाले ही सहजयोगी हैं। बाप ही संसार है तो याद सहज हो गई। आधाकल्प मेहनत की अभी बाप मेहनत से छुड़ाते हैं। ॐ...
31-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
श्रेष्ठ मत के आधार पर ज्ञान स्वरूप, शक्ति स्वरूप के वरदानी बन अपनी स्थिति को अचल बनाओ। साक्षी होकर हर एक का पार्ट देखो। अपने सतोगुणी पार्ट में स्थित रहो। सदा बाप के संग में रहो तो तमोगुणी आत्मा के संग के रंग का प्रभाव पड़ नहीं सकता। -...
30-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जब अव्यक्त स्थिति के अभ्यास की आदत बन जायेगी तब स्व स्थिति द्वारा हर परिस्थिति का सामना कर सकेंगे। और यह आदत अदालत में जाने से बचा देगी। इसके लिए पुरानी आदतों से, पुराने संस्कारों से, पुरानी बातों से...पूरा वैराग्य चाहिए।– “ॐ शान्ति”।...
29-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
विश्व कल्याणकारी बनने के लिए मुख्य दो धारणायें आवश्यक हैं एक ईश्वरीय रूहाब और दूसरा रहम। अगर रूहाब और रहम दोनों साथ-साथ और समान हैं तो रूहानियत की स्टेज बन जाती है। शक्तियों के चित्रों में इन दोनों गुणों की समानता दिखाते हैं, इसी के आधार पर विश्व नव-निर्माण...
28-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे साइन्स ने ऐसी इन्वेन्शन की है जो लिखा हुआ सब मिट जाए, मालूम न पड़े। ऐसे आप साइलेन्स की शक्ति से अपने रजिस्टर को रोज़ साफ करो तो प्रभू प्रिय वा दैवी लोक प्रिय बन जायेंगे। तो रजिस्टर साफ रहेगा और साहेब राज़ी हो जायेगा। - ॐ शान्ति।...
27-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
“जैसे कोई सिम्पल चीज़ अगर स्वच्छ होती है तो अपने तरफ आकर्षित जरूर करती है। सिम्पल अर्थात् साधारण। साधारणता से ही महानता प्रसिद्ध होती है। जो साधारण अर्थात् सिम्पल नहीं वह प्राब्लम रूप बन जाते हैं।“-“ओम् शान्ति”...