7-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
जो प्रसन्नचित आत्मायें हैं वे स्व के संबंध में वा सर्व के संबंध में, प्रकृति के संबंध में, किसी भी समय, किसी भी बात में संकल्प-मात्र भी क्वेश्चन नहीं उठायेंगी।प्रसन्नचित आत्मा के संकल्प में हर कर्म को करते, देखते, सुनते, सोचते यही रहता है कि जो हो रहा है...
6-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
बापदादा द्वारा सब बच्चों को अखुट खजाने मिले हैं। जिसने अपने पास जितने खजाने जमा किये हैं उतना उनकी चलन और चेहरे में वह रूहानी नशा दिखाई देता है, जमा करने का रूहानी फखुर अनुभव होता है। क्योंकि जहाँ फखुर है वहाँ फिक्र नहीं रह सकता। जो ऐसे बेफिक्र...
5-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
संगमयुग पर आप बच्चे सबसे अधिक खुशनसीब हो, क्योंकि स्वयं भगवान ने आपको पसन्द कर लिया। बेहद के मालिक बन गये। यह है बेहद का रूहानी नशा, इसका अनुभव करते और कराते रहो तब कहेंगे खुशनसीब। - ॐ शान्ति। ...
“परमात्मा को त्रिमूर्ति क्यों कहते हैं?”
यह सारी मेरी डिपार्टमेन्ट है, जब मैं खुद आता हूँ तो सारी डिपार्टमेन्ट ब्रह्मा, विष्णु, शंकर साथ में लाता हूँ और उन्हों द्वारा ही दैवी सृष्टि की स्थापना, आसुरी दुनिया का विनाश तथा नई सृष्टि की पालना कराने के लिये आता हूँ।...
4-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सारे दिन में जो व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल, व्यर्थ कर्म और व्यर्थ सम्बन्ध-सम्पर्क होता है उस व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दो। होलीहंस बन व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दो तो फीलिंग प्रूफ बन जायेंगे। कोई गाली दे, गुस्सा करे, आप उसको शान्ति का शीतल जल दो,...
3-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.रिवाइज:13/03/90.
स्व परिवर्तन करना ही शुभ चिंतक बनना है। इसलिए स्वयं को कायदे प्रमाण चलाते हुए स्व का परिवर्तन करो, इसी में ही फायदा है। बाहर से कोई फायदा भल दिखाई न दे लेकिन अन्दर से हल्कापन और खुशी की अनुभूति होती रहेगी।- ॐ शान्ति। ...
“ परमात्मा करनकरावनहार कैसे है? ”
परमात्मा भी स्वयं इस सारी सृष्टि का बीजरूप है और परमात्मा का पार्ट है बीज बोना। बीज बोने का मतलब है रचना करना। पुरानी सृष्टि की अन्त करना और नई सृष्टि की आदि करना इसको ही कहते हैं परमात्मा सबकुछ करता है। - ॐ शान्ति। ...
2-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
यदि कोई भी असत्य वा व्यर्थ बात देखी, सुनी और उसे वायुमण्डल में फैलाई। सुनकर दिल में समाया नहीं तो यह व्यर्थ बातों का फैलाव करना-यह भी पाप का अंश है। इसलिए अपनी सूक्ष्म चेकिंग कर ऐसे पापों के बोझ को समाप्त करो तब बाप समान वा सम्पन्न बन...
1-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सदैव याद रहे कि सत्यता की निशानी है सभ्यता। यदि आप में सत्यता की शक्ति है तो सभ्यता को कभी नहीं छोड़ो। सत्यता को सिद्ध करो लेकिन सभ्यतापूर्वक। तो जब सभ्यता पूर्वक बोल और चलन हो तब सफलता मिलेगी। यही आगे बढ़ने का साधन है। - ॐ शान्ति। ...
31-3-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
त्रिकालदर्शी बच्चे हर कर्म के परिणाम को जानकर फिर कर्म करते हैं। भोला बनना अच्छा है लेकिन दिल से भोले बनो, बातों में और कर्म में भोले नहीं बनो। उसमें त्रिकालदर्शी बनकर हर बात सुनो और बोलो तब कहेंगे सेंट अर्थात् महान आत्मा। - ॐ शान्ति। ...