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8-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सर्व का सद्गति दाता राम एक निराकार ही है। वही पतित-पावन, ज्ञान का सागर, शान्ति का सागर है। सारे जगत का गुरू तो एक परमपिता परमात्मा ही हो सकता है। वह निराकार शिवबाबा को याद करो।-ॐ शान्ति -...

7-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

वह ज्ञान का सागर आकर ज्ञान सुनाए सबकी सद्गति कर देते हैं। वह है परे ते परे रहने वाला परमपिता परमात्मा। सभी आत्मायें ब्रदर्स को पार्ट मिला हुआ है, आत्मा सब एक बाप के बच्चे हैं। - ॐ शान्ति -...

6-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

यह है अव्यभिचारी ज्ञान। एक ही शिवबाबा से तुम सुनते हो जिसकी पहले तुमने भक्ति की, उस समय कोई और धर्म होते नहीं। उस समय तुम बहुत सुखी रहते हो। देवता धर्म बहुत सुख देने वाला है। नाम लेने से मुख मीठा हो जाता है। तुम एक बाप से...

4-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

पारलौकिक बाप जिससे इतना बड़ा वर्सा मिलता है ऐसे बाप को कभी पत्र भी नहीं लिखते हैं। याद ही नहीं करते! ऐसे बाप को तो कितना याद करना चाहिए। - ॐ शान्ति -...

2-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

स्प्रीचुअल नॉलेज सिर्फ एक बाप ही देते हैं। अब बाप कहते हैं - आत्म-अभिमानी बनो। मुझ अपने परमपिता को याद करो। याद से तमोप्रधान से सतोप्रधान बन जायेंगे। - ॐ शांति -...

1-10-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

दुनिया में किसको पता नहीं कि जीवन-मुक्ति किसको कहा जाता है। लक्ष्मी-नारायण का राज्य कब था - यह भी किसको पता नहीं है। अब तुम जानते हो हम बाप से पवित्रता का दैवी स्वराज्य ले रहे हैं। - ॐ शान्ति -...

29-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप कहते हैं तुम ही राज्य लेते हो और कोई ले न सके, सिवाए तुम भारतवासियों के, जो अभी अपने को हिन्दू कहलाते हैं। हम भल कुछ भी नाम दें, हम वास्तव में आदि सनातन देवी-देवता धर्म के थे। अब ब्राह्मण, देवता, क्षत्रिय धर्म की स्थापना हो रही है।...

28-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

त्रिमूर्ति के ऊपर है शिवबाबा, वह बैठ ब्रह्मा द्वारा समझाते हैं वही फिर पालना करेंगे। तुम हो ब्रह्माकुमार कुमारियां ऊंच ते ऊंच ब्राह्मण वर्ण ईश्वरीय सन्तान। ईश्वर के रचे हुए यज्ञ की तुम सम्भाल करते हो। राजाई प्राप्त कराने के लिए बाप ने यज्ञ रचा है - राजस्व अश्वमेध...

20-09-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाबा हमको विश्व का मालिक बनाते हैं, जो मालिकपना कोई लूट न सके।ऐसा अटल, अखण्ड, पवित्रता, सुख-शान्ति का राज्य तुम अभी पा रहे हो। कल्प पहले मुआफिक हर 5 हजार वर्ष बाद भारत स्वर्ग बनता है। फिर हम सो देवता बनेंगे। OM SHANTI...