03-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम हो रूहानी योद्धे”
हीरो पार्टधारी उसे कहा जाता - जिसकी कोई भी एक्ट साधारण न हो, हर पार्ट एक्यूरेट हो। कितनी भी समस्यायें हो, कैसी भी परिस्थितियां हों किसी के भी अधीन नहीं, अधिकारी बन समस्याओं को ऐसे पार करें जैसे खेल-खेल में पार कर रहे हैं। खेल में सदा खुशी रहती...
02-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “ब्राह्मण अर्थात् सदा श्रेष्ठ भाग्य के अधिकारी”
"आप बच्चे प्रकृति और मनुष्यात्माओं की वृत्ति को परिवर्तन करने के जिम्मेवार हो। लेकिन यह जिम्मेवारी तब ही निभा सकेंगे जब आपकी वृत्ति शुभ भावना, शुभ कामना से सम्पन्न, सतोप्रधान और शक्तिशाली होगी। जिम्मेवारी की स्मृति सदा अलर्ट बना देगी।" - ओम् शान्ति।...
“यह ईश्वरीय ज्ञान सतयुग में नहीं मिलता“
“यह ईश्वरीय ज्ञान सतयुग में नहीं मिलता“ - अब ज्ञान की जरूरत है अज्ञानियों को। परन्तु वहाँ तो सब ज्ञान स्वरूप हैं, वहाँ कोई अज्ञानी रहता ही नहीं है, जो ज्ञान देने की जरूरत रहे। - ओम् शान्ति।...
01-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बुद्धि में रहे जो कर्म मैं करूँगा मुझे देखकर सब करेंगे”
विघ्नों को देखकर घबराओ नहीं। मूर्ति बन रहे हो तो कुछ हेमर (हथौड़े) तो लगेंगे ही। हेमर से ही तो ठोक-ठोक कर ठीक करते हैं। तो जितना आगे बढ़ेंगे उतना तूफान ज्यादा क्रास करने पड़ेंगे। लेकिन आपके लिए यह तूफान तोहफा हैं - अनुभवी बनने के लिए। वेलकम करो...
30-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें अब श्रीमत पर सबकी तकदीर जगानी है”
प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजाने के लिए दृढ़ता सम्पन्न प्रतिज्ञा करो। प्रतिज्ञा करना माना जान की बाज़ी लगा देना। जान चली जाए लेकिन प्रतिज्ञा नहीं जा सकती। दृढ़ प्रतिज्ञा वाले कैसी भी परिस्थिति में हार नहीं खा सकते, वह गले का हार अर्थात् विजयी रत्न बन जाते हैं। - ओम्...
29-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम गॉडली स्टूडेन्ट हो”
पहले एवररेडी बनना ही सेफ्टी का साधन है। सदा याद रखो कि हम और बाप सदा साथ हैं। जैसे बाप सम्पन्न है वैसे साथ रहने वाले भी समान और सम्पन्न हो जायेंगे। समान बनने वाले ही साथ चलेंगे। - ओम् शान्ति।...
28-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “सबको बाप का परिचय दे सुखदाई बनाओ”
दुनिया में हंगामा हो, झगड़े हो रहे हो, ऐसे अशान्ति के समय पर आप मास्टर शान्ति दाता बन औरों को भी शान्ति दो, घबराओ नहीं क्योंकि जानते हो जो हो रहा है वो भी अच्छा और जो होना है वह और अच्छा। - ओम् शान्ति।...
27-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “कभी मदभेद में आकर पढ़ाई मत छोड़ो”
जो स्वमान में स्थित रहते हैं उन्हें कभी भी हद का मान प्राप्त करने की इच्छा नहीं होती। एक स्वमान में सर्व हद की इच्छायें समा जाती हैं, मांगने की आवश्यकता नहीं रहती और स्वमान सर्व इच्छाओं को सहज ही सम्पन्न कर देता है इसलिए स्वमानधारी बनो तो सर्व...
26-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “रूहानी बाप ने यह रूद्र ज्ञान यज्ञ रचा है”
कर्मयोगी वह है जो अकाल तख्तनशीन अर्थात् स्वराज्य अधिकारी और बाप के वर्से के राज्य-भाग्य अधिकारी है। जो सदा अकालतख्त पर बैठकर कर्म करते हैं, उनके कर्म श्रेष्ठ होते हैं क्योंकि सभी कर्मेन्द्रियां लॉ और ऑर्डर पर रहती हैं। - ओम् शान्ति।...
“योग करने के लिये पहले ज्ञान क्यों ?”
“योग करने के लिये पहले ज्ञान क्यों" : हमेशा ऐसे कहा जाता है पहले समझ चाहिए, नहीं तो उल्टा कर्म चलेगा इसलिए पहले ज्ञान जरूरी है। - ओम् शान्ति।...