24-6-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 21-06-1961: “माया के अनेक प्रकार के विघ्नों से पार होना है”
आप बच्चे एक-एक सेकण्ड में पदमों से भी ज्यादा कमाई जमा कर सकते हो।एक सेकण्ड बिन्दू रूप बाप को याद करो, सेकण्ड बीता और बिन्दी लग गई, इतनी बड़ी कमाई जमा करने वाले आप बच्चे अभी पदमापदमपति बनते हो जो फिर अनेक जन्म तक खाते रहते हो। ऐसे कमाई...
16-4-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 3-04-1994: “सन्तुष्टता काआधार – सम्बन्ध सम्पत्ति और सेहत (तन्दुरुस्ती)”
जब यह अनुभव हो जाता है कि मेरा बाबा है, तो जो मेरा होता है वह स्वत: याद रहता है। याद किया नहीं जाता है। मेरा अर्थात् अधिकार प्राप्त हो जाना। मेरा बाबा और मैं बाबा का - इसी को कहा जाता है सहजयोग।यह अटूट याद ही सर्व समस्याओं...
15-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – एक दो को खुशी की खुराक खिलाते रहो”
वर्तमान समय कई आत्मायें आपके सहयोग के लिए चात्रक हैं लेकिन अपनी शक्ति नहीं है। उन्हें आपको अपने शक्तियों की मदद विशेष देनी पड़ेगी इसलिए निमित्त बने हुए सेवाधारियों में सर्व शक्तियों की पावर चाहिए।- ओम् शान्ति।...
14-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – मम्मा बाबा समान सर्विस करने के लिए बुद्धि को सतोप्रधान बनाओ।”
साधनों को आधार बनाने के बजाए अपनी साधना के आधार से साधनों को कार्य में लगाओ।साधनों के साथ साधना हो तो हर कार्य में बाप की ब्लैसिंग का अनुभव करेंगे, उमंग-उत्साह भी कम नहीं होगा।- ओम् शान्ति।...
13-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – आपस में अविनाशी ज्ञान रत्नों की लेन-देन करके एक दो की पालना करो”
साधना अर्थात् शक्तिशाली याद। बाप के साथ दिल का सच्चा संबंध। जैसे योग में शरीर से एकाग्र होकर बैठते हो ऐसे दिल, मन-बुद्धि सब एक बाप की तरफ बाप के साथ-साथ बैठ जाए - यही है यथार्थ साधना।वास्तव में याद में फरियाद की आवश्यकता नहीं, जिसका दिल से बाप...
12-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – ज्ञान अमृत है और योग अग्नि है”
ब्राह्मण जीवन की विशेष धारणा पवित्रता है, यही निरन्तर अतीन्द्रिय सुख और स्वीट साइलेन्स का विशेष आधार है। पवित्रता सिर्फ ब्रह्मचर्य नहीं लेकिन ब्रह्मचारी और सदा ब्रह्माचारी अर्थात् ब्रह्मा बाप के आचरण पर हर कदम चलने वाले।- ओम् शान्ति।...
11-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – जीते जी मरजीवा बनो”
जो बच्चे बाप को पहचान कर दिल से एक बार भी “मेरा बाबा'' कहते हैं तो रहम के सागर बापदादा ऐसे बच्चों को रिटर्न में पदमगुणा उसी रूहानी प्यार से देखते हैं। रहम और स्नेह की दृष्टि उन्हें सदा आगे बढ़ाती रहती है। यही रूहानी मेरे पन की स्मृति...
10-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – श्रेष्ठ बनने के लिए सदा श्रीमत पर चलते रहो”
नम्बरवन की निशानी है हर बात में विन करने वाले। किसी भी बात में हार न हो, सदा विजयी। यदि चलते-चलते कभी हार होती है तो उसका कारण है मर्यादाओं में नीचे ऊपर होना। लेकिन यह संगमयुग है मर्यादा पुरुषोत्तम बनने का युग। - ओम् शान्ति।...
9-4-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 9-03-1994: “न्यारा-प्यारा वन्डरफुल स्नेहऔरसुखभराअवतरण – शिवजयन्ती”
जैसे स्थूल रोशनी (लाइट) पर परवाने स्वत: आते हैं, ऐसे आप चमकते हुए सितारों पर भटकी हुई आत्मायें फास्ट गति से आयेंगी। इसके लिए अभ्यास करो - हर एक के मस्तक पर सदा चमकते हुए सितारे को देखने का। शरीरों को देखते भी न देखो। सदा नज़र चमकते हुए...
23-1-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – तुम्हें श्रीमत है घर गृहस्थ में रहते पवित्र बनो दोनों तरफ तोड़ निभाओ”
जितना-जितना अपनी विशेषताओं को मन्सा सेवा वा वाणी और कर्म की सेवा में लगायेंगे तो वही विशेषता विस्तार को पाती जायेगी। सेवा में लगाना अर्थात् एक बीज से अनेक फल प्रगट करना। इस श्रेष्ठ जीवन में जो जन्म सिद्ध अधिकार के रूप में विशेषतायें मिली हैं उनको, सेवा की...