Tag: परमात्मा ज्ञान

4-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे शरीर निर्वाह के लिए अनेक साधन अपनाते हो ऐसे आत्मिक उन्नति के भी साधन अपनाओ, इसके लिए सदा अकालमूर्त स्थिति में स्थित होने का अभ्यास करो। जो स्वयं को अकालमूर्त (आत्मा) समझकर चलते हैं वह अकाले मृत्यु से, अकाल से, सर्व समस्याओं से बच जाते हैं। - ॐ...

3-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

अच्छी सर्विस करने के साथ-साथ दिल व जान से बाप को याद करना है। सवेरे उठते ही प्यार से कहना है -“बाबा गुडमार्निंग''। कर्म करते भी याद का अभ्यास करना है।किसी देहधारी के नाम-रूप में नहीं अटकना है। ज्ञान के चिंतन में रहना है। व्यर्थ बातें नहीं करनी है।...

2-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बाप जो राय देते हैं उसे शिवबाबा की श्रीमत समझ चलना है। ज्ञान अमृत पीना और पिलाना है। सबको रिगार्ड देते हुए सर्विस पर तत्पर रहना है। देह-अभिमान छोड़ देही-अभिमानी रहने की प्रैक्टिस करनी है। - ॐ शान्ति। ...

1-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

बहुत-बहुत निडर बन कांटों को फूल बनाने की सेवा करनी है। सबमें अविनाशी बीज बोते रहना है।क्रोध का बहुत बड़ा कांटा है, उसे छोड़ बहुत-बहुत प्यारा बनना है। प्यार से सर्विस करनी है। सर्विसएबुल का रिगार्ड रखना है। - ॐ शान्ति।...

30-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

अपना कल्याण करने लिए बाप की आज्ञा माननी है। बापदादा की कभी भी अवज्ञा नहीं करनी है। कोई भी लोभ, मोह की आदत नहीं रखनी है। अपना स्वभाव बहुत रॉयल बनाना है। सवेरे-सवेरे अमृतवेले उठ बाप को याद करने का अभ्यास करना है। - ॐ शान्ति।...

29-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

आप बच्चे आलमाइटी गवर्मेन्ट के मैसेन्जर हो इसलिए याद का मन्त्र यूज़ करना। आपके पास आत्मिक दृष्टि का नेत्र और मनमनाभव का मन्त्र है जिससे अपने संकल्पों को सिद्ध कर सिद्धि स्वरूप बन सकते हो। - ॐ शान्ति। ...

28-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

यदि बाप के समीप रहना पसन्द है तो कभी कोई भी संगदोष से दूर रहना। सब संगदोषों से अपने को बचाने वाले ही पास विद आनर "होली हँस" बनते हैं। संगदोष कई प्रकार का होता है, व्यर्थ संकल्पों वा माया की आकर्षण के संकल्पों का संग, सम्बन्धियों का संग,...

27-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

आप होली हसों का स्वरूप है पवित्र और कर्तव्य है सदैव गुणों रूपी मोती चुगना। इस कर्तव्य को पालन करने के लिए सदैव एक आज्ञा याद रहे कि न बुरा सोचना है, न बुरा सुनना है, न बुरा देखना है, न बुरा बोलना है.... जो इस आज्ञा को सदा...

26-11-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

सिर्फ स्वयं के संस्कारों को परिवर्तन करने में कोमल बनो, कर्म में कभी कोमल नहीं बनना, इसमें शक्ति रूप बनना है। जो शक्ति रूप का कवच धारण कर लेते हैं उन्हें माया का कोई भी तीर लग नहीं सकता इसलिए आपके चेहरे, नयन-चैन से कोमलता के बजाए शक्ति...