5-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “ज्ञान रत्नों का दान करने की रेस करनी है”
वर्तमान समय लोगों को और सब कुछ मिल सकता है लेकिन सच्ची खुशी नहीं मिल सकती। इसलिए ऐसे समय पर दु:खी अशान्त आत्माओं को खुशी की अनुभूति करा दो तो वे दिल से दुआयें देंगी। आप दाता के बच्चे हो तो फ्राकदिली से खुशी का खजाना बांटो, रहमदिल के...
4-9-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 1-4-1992: “दो बातों का बैलेन्स – ज्ञानयुक्त भावना और स्नेह युक्त योग”
फरिश्ता अर्थात् जिसका पुरानी दुनिया से कोई रिश्ता नहीं। तो सूक्ष्म रीति से चेक करो कि अंश मात्र भी कोई धागा अपनी तरफ आकर्षित तो नहीं करता है? क्योंकि यदि कोई चीज़ अच्छी लगती है तो वह अपनी तरफ आकर्षित जरूर करती है,अब उसे भी समाप्त कर सम्पूर्ण फरिश्ता...
3-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “जो शुभ कार्य करना है वह आज कर लो”
देह-भान में रहने से अनेक प्रकार के भाव उत्पन्न होते हैं। कभी कोई अच्छा लगेगा तो कभी कोई बुरा लगेगा। आत्मा रूप में देखने से रूहानी प्यार पैदा होगा। आत्मिक भाव, आत्मिक दृष्टि, आत्मिक वृत्ति में रहने से हर एक के सम्बन्ध में आते हुए अति न्यारे और प्यारे...
30-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम अब लाइट हाउस बन सबको रास्ता बताते रहो”
यदि कोई क्रोध अग्नि में जलता हुआ आपके सामने आये, तो उसे परवश समझ अपने रहम के शीतल जल द्वारा वरदान दो। इसलिए वरदानी मूर्त बन सहनशीलता की शक्ति का वरदान दो। जब अभी चैतन्य में यह संस्कार भरेंगे तब जड़ चित्रों द्वारा भी वरदानी मूर्त बनेंगे। - ओम्...
29-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम्हें अपनी दैवी मीठी चलन से बाप का शो करना है”
सारे दिन में जो भी आत्मा सम्बन्ध-सम्पर्क में आये उसे महादानी बन कोई न कोई शक्ति का, ज्ञान का, गुणों का दान दो। - ओम् शान्ति।...
28-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “होली मनाना अर्थात् दृढ़ संकल्प की अग्नि में कमजोरियों को जलाना”
महान आत्मा बनने का आधार है -“पवित्रता के व्रत को प्रतिज्ञा के रूप में धारण करना''I व्रत का अर्थ है मन में संकल्प लेना और स्थूल रीति से परहेज करना। आप सबने पवित्रता का व्रत लिया और वृत्ति श्रेष्ठ बनाई। सर्व आत्माओं के प्रति आत्मा भाई-भाई की वृत्ति बनने...
“भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है”
“भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है" - वो प्राचीन योग भी परमात्मा आकर कल्प-कल्प हमें सिखलाता है।- ओम् शान्ति।...
27-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम इस बेहद लीला रूपी नाटक को जानते हो”
जिनके पास सन्तुष्टता का खजाना है उनके पास सब कुछ है, जो थोड़े में सन्तुष्ट रहते हैं उन्हें सर्व प्राप्तियों की अनुभूति होती है। और जिसके पास सन्तुष्टता नहीं तो सब कुछ होते भी कुछ नहीं है, इसलिए हद के इच्छा मात्रम् अविद्या .... तब कहेंगे सन्तुष्टमणि। - ओम्...
26-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “निरन्तर एक बाप की याद में रहने का पुरूषार्थ करो”
ब्राह्मण जीवन में आदि से अब तक जो भी प्राप्तियां हुई हैं-उनकी लिस्ट स्मृति में लाओ तो खुशी में उड़ते मंजिल पर सहज ही पहुंच जायेंगे। प्राप्ति की खुशी कभी नीचे हलचल में नहीं लायेगी क्योंकि सम्पन्नता अचल बनाती है।- ओम् शान्ति।...
“सम्पन्नता वा सम्पूर्णता के समीपता की निशानियां”
दिव्य बुद्धि के आधार पर हर कर्म होता रहे, यह भी सम्पूर्णता की निशानी है।- ओम् शान्ति।...