Tag: ईश्वरीय ज्ञान

14-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अहंकार में नहीं आना है शुद्ध घमण्ड में रहना है”

शान्ति की शक्ति सर्वश्रेष्ठ शक्ति है। और सभी शक्तियां इसी एक शक्ति से निकली हैं। साइन्स की शक्ति भी इसी शान्ति की शक्ति से निकली है। शान्ति की शक्ति द्वारा असम्भव को भी सम्भव कर सकते हो। जिसे दुनिया वाले असम्भव कहते वह आप योगी तू आत्मा बच्चों के...

13-11-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 10-12-1992: “पूर्वज और पूज्य की स्मृति में रहकर सर्व की अलौकिक पालना करो

ह संगमयुग स्मृति का युग है और कलियुग विस्मृति का युग है। अगर अपने श्रेष्ठ पार्ट, श्रेष्ठ भाग्य की सदा स्मृति है तो हीरे समान वैल्युबुल हो और अगर विस्मृति है तो पत्थर हो। संगमयुग के रहवासी कभी कलियुग में चक्कर लगाने जा नहीं सकते। अगर थोड़ा भी बुद्धि...

12-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “एक दो को दु : ख देना घोस्ट का काम है तुम्हें किसी को भी दु : ख नहीं देना है।”

बच्चा बनना अर्थात् अधिकार लेना। मेरा माना और अधिकार मिला। तो वाह मैं श्रेष्ठ अधिकारी आत्मा! इसी बेहद के अधिकार की खुशी में रहो। यह अविनाशी अधिकार निश्चित ही है और जहाँ निश्चित होता है वहाँ निश्चिन्त रहते हैं। - ओम् शान्ति।...

10-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें इस रुद्र ज्ञान यज्ञ का बड़ा कदर होना चाहिए क्योंकि इस यज्ञ से ही भारत स्वर्ग बनता है”

हर रोज़ की मुरली मन को बिजी रखने का साधन है, मुरली की कोई भी पाइंट पर मनन करते रहो तो मन बिजी रहेगा और व्यर्थ स्वत: खत्म हो जायेगा। मन को मन्सा-वाचा और कर्मणा सेवा में इतना बिजी कर दो जो व्यर्थ संकल्प आवे ही नहीं, तभी...

9-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “बाप की गति सद्गति करने की मत वा राय सबसे न्यारी है”

वर्तमान समय सभी को अविनाशी खुशी की आवश्यकता है, सब खुशी के भिखारी हैं, आप दाता के बच्चे हो। दाता के बच्चों का काम है देना। जो भी संबंध-सम्पर्क में आये उसे खुशी देते जाओ। कोई खाली न जाये, इतना भरपूर रहो।- ओम् शान्ति।...

8-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हारी रूहानी यात्रा बहुत गुप्त है जो तुम्हें बुद्धियोग से करते रहना है”

कई बच्चों ने बाप को अपना कम्पैनियन तो बनाया है लेकिन कम्पैनियन को कम्बाइन्ड रूप में अनुभव करो, अलग हो ही नहीं सकते, किसकी ताकत नहीं जो मुझ कम्बाइन्ड रूप को अलग कर सके, ऐसा अनुभव बार-बार स्मृति में लाते-लाते स्मृति स्वरूप बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

7-11-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “विचार सागर मंथन कर सबको बाप का सत्य परिचय दो”

सम्पूर्ण पवित्रता की परिभाषा बहुत श्रेष्ठ और सहज है। सम्पूर्ण पवित्रता का अर्थ है स्वप्न-मात्र भी अपवित्रता मन और बुद्धि को टच नहीं करे - इसी को कहा जाता है सच्चे वैष्णव। यह सहज भी है क्योंकि असम्भव से सम्भव करने वाले सर्वशक्तिमान् बाप का साथ है।- ओम् शान्ति।...

6-11-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 30-11-1992: “सर्व खजानों से सम्पन्न बनो – दुआएं दो दुआएं लो”

साइन्स के साधन जो आप लोगों के काम आ रहे हैं, ड्रामा अनुसार उन्हें भी टच तभी हुआ है जब बाप को आवश्यकता है। लेकिन यह साधन यूज़ करते हुए उनके वश नहीं हो जाओ। कभी कोई साधन अपनी ओर खींच न ले। मास्टर क्रियेटर बनकर क्रियेशन से लाभ...