31-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
श्रेष्ठ मत के आधार पर ज्ञान स्वरूप, शक्ति स्वरूप के वरदानी बन अपनी स्थिति को अचल बनाओ। साक्षी होकर हर एक का पार्ट देखो। अपने सतोगुणी पार्ट में स्थित रहो। सदा बाप के संग में रहो तो तमोगुणी आत्मा के संग के रंग का प्रभाव पड़ नहीं सकता। -...
30-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जब अव्यक्त स्थिति के अभ्यास की आदत बन जायेगी तब स्व स्थिति द्वारा हर परिस्थिति का सामना कर सकेंगे। और यह आदत अदालत में जाने से बचा देगी। इसके लिए पुरानी आदतों से, पुराने संस्कारों से, पुरानी बातों से...पूरा वैराग्य चाहिए।– “ॐ शान्ति”।...
29-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
विश्व कल्याणकारी बनने के लिए मुख्य दो धारणायें आवश्यक हैं एक ईश्वरीय रूहाब और दूसरा रहम। अगर रूहाब और रहम दोनों साथ-साथ और समान हैं तो रूहानियत की स्टेज बन जाती है। शक्तियों के चित्रों में इन दोनों गुणों की समानता दिखाते हैं, इसी के आधार पर विश्व नव-निर्माण...
28-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे साइन्स ने ऐसी इन्वेन्शन की है जो लिखा हुआ सब मिट जाए, मालूम न पड़े। ऐसे आप साइलेन्स की शक्ति से अपने रजिस्टर को रोज़ साफ करो तो प्रभू प्रिय वा दैवी लोक प्रिय बन जायेंगे। तो रजिस्टर साफ रहेगा और साहेब राज़ी हो जायेगा। - ॐ शान्ति।...
18-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सदा एकरस स्थिति के आसन पर स्थित हो अपने तपस्वी रूप को प्रत्यक्ष करो। आपकी हर कर्मेन्द्रिय से देह-अभिमान का त्याग और आत्म-अभिमानी बनने की तपस्या प्रत्यक्ष रूप में दिखाई दे। - ॐ शान्ति। ...
17-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
सेवाधारी के साथ-साथ त्यागी, तपस्वीमूर्त बनो तब सेवा का प्रत्यक्षफल दिखाई देगा।जो भी संकल्प उठे उसमें हर आत्मा का कल्याण समाया हुआ हो तब कहेंगे सर्व के कल्याणकारी। -ॐ शान्ति। ...
16-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे साकार बाप ने अपना हर कर्म यादगार बनाया ऐसे आप सभी का हर कर्म यादगार तब बनेगा जब स्वयं को आधारमूर्त और उद्धारमूर्त समझकर चलेंगे। ऐसे श्रेष्ठ कर्म ही यादगार बनते हैं। - ॐ शान्ति। ...
15-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
बाप समान वा सम्पूर्ण बनने के लिए सृष्टि की कयामत के पहले अपनी कमजोरियों और कमियों की कयामत करो। कोई भी उलझन का नाम निशान न रहे ऐसा अपने को उज्जवल बनाओ। अस्थियों को भी सम्पूर्ण स्थिति के सागर में समा दो तब कहेंगे समान और सम्पूर्ण। - ॐ...
14-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
हड्डी (जिगरी) सुख का अनुभव करने के लिए बाप जो पढ़ाते हैं, उसे बुद्धि में धारण करना है। विचार सागर मंथन करना है। -ॐ शान्ति। ...
13-12-2021 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली
जैसे बाप के स्नेही बने हो ऐसे बाप को साथी बनाओ तो माया दूर से ही मूर्छित हो जायेगी। तो साथी को सदा साथ रखो, साथ की शक्ति से वा मिलन में मगन रहने से मायाजीत, जगतजीत बन जायेंगे। - ॐ शान्ति। ...