5-5-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सदा समर्थ अर्थात् शक्तिशाली वही बनता है जो बुद्धि को बिजी रखने की विधि को अपनाता है। व्यर्थ को समाप्त कर समर्थ बनने का सहज साधन ही है - सदा बिजी रहना। बिजी रहेंगे तो माया दूर से ही वापस चली जायेगी। - ओम् शान्ति।...
4-5-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
किसी भी कार्य में सफलता तब प्राप्त होती है जब समय पर बुद्धि यथार्थ निर्णय देती है। इसलिए योग अग्नि द्वारा किचड़े को खत्म कर बुद्धि को स्वच्छ बनाओ।जरा सा व्यर्थ संकल्प भी किचड़ा है, जब यह किचड़ा समाप्त हो तब बेफिक्र रहेंगे और स्वच्छ बुद्धि होने से हर...
30-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सफलता मूर्त बनने का विशेष साधन है - हर सेकण्ड को, हर श्वांस को, हर खजाने को सफल करना।चाहे स्व के प्रति सफल करो, चाहे और आत्माओं के प्रति सफल करो तो आटोमेटिकली सफलता की खुशी अनुभव करते रहेंगे क्योंकि सफल करना अर्थात् वर्तमान में सफलता प्राप्त करना और...
29-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
जब आप बच्चे अपने सतयुगी राज्य में थे तो व्यर्थ वा माया से इनोसेंट थे इसलिए देवताओं को सेंट वा महान आत्मा कहते हैं। तो अपने वही संस्कार इमर्ज कर, व्यर्थ के अविद्या स्वरूप बनो। समय, श्वास, बोल, कर्म, सबमें व्यर्थ की अविद्या अर्थात् इनोसेंट। पुरूष बन इस रथ...
26-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
वर्तमान समय आप बच्चे ऐसे श्रेष्ठ सम्पूर्ण अधिकारी बनते हो जो स्वयं आलमाइटी अथॉरिटी के ऊपर आपका अधिकार है। इस समय ही बाप द्वारा सर्वश्रेष्ठ सम्पत्ति भव का वरदान मिलता है। आपके पास सर्व गुणों की, सर्व शक्तियों की और श्रेष्ठ ज्ञान की अविनाशी सम्पत्ति है, इसलिए आप जैसा...
25-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
संगमयुग पर बापदादा की विशेष देन सन्तुष्टता है। सन्तोषी आत्मा के आगे कैसी भी हिलाने वाली परिस्थिति ऐसे अनुभव होगी जैसे पपेट शो (कठपुतली का खेल)।माया वा प्रकृति का यह एक शो है, जिसको साक्षी स्थिति में स्थिति हो, अपनी शान में रहते हुए, सन्तुष्टता के स्वरूप में देखते...
24-4-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:31/03/90.
सहजयोग का आधार है - स्नेह और स्नेह का आधार है संबंध। संबंध से याद करना सहज होता है। संबंध से ही सर्व प्राप्तियां होती हैं। उन प्राप्तियों को बुद्धि में इमर्ज करो तो खुशी की अनुभूति होगी और सहज योगी बन जायेंगे।– “ॐ शान्ति”।...
23-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
प्योरिटी की रॉयल्टी ही ब्राह्मण जीवन की विशेषता है। जैसे कोई रॉयल फैमिली का बच्चा होता है तो उसके चेहरे से, चलन से मालूम पड़ता है कि यह कोई रॉयल कुल का है। ऐसे ब्राह्मण जीवन की परख प्योरिटी की झलक से होती है। - ओम् शान्ति।...
22-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
अमृतवेले तथा सारे दिन में बीच-बीच में अपने आक्यूपेशन को स्मृति में लाओ कि मैं राजयोगी हूँ। राजयोगी की सीट पर सेट होकर रहो। राजयोगी माना राजा, उसमें कन्ट्रोलिंग और रूलिंग पावर होती है। वह एक सेकण्ड में मन को कन्ट्रोल कर सकते हैं। - ओम् शान्ति।...
21-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सर्व शक्तियों का स्टॉक जमा कर, शक्तिशाली आत्मा बनो और योग के प्रयोग द्वारा हर कम्पलेन को समाप्त कर कम्पलीट बन जाओ। यही स्लोगन याद रहे -“अब नहीं तो कब नहीं''। - ओम् शान्ति।...