Tag: अध्यातम ज्ञान

24-7-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:18-12-1991.

लोग मरने से ड़रते हैं और आप तो हो ही मरे हुए। नई दुनिया में जीते हो, पुरानी दुनिया से मरे हुए हो तो मरे हुए को मरने से क्या डर, वे तो स्वत: निर्भय होंगे ही। आप ट्रस्टी हो, यह शरीर भी मेरा नहीं, इसलिए न्यारे हो, जरा...

23-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

यदि कोई आत्मा आपकी स्थिति को हिलाने की कोशिश करे, अकल्याण की वृत्ति रखे, उसे भी आप अपने कल्याण की वृत्ति से परिवर्तन करो या क्षमा करो। परिवर्तन नहीं कर सकते हो तो मास्टर क्षमा के सागर बन क्षमा करो। आपकी क्षमा उस आत्मा के लिए शिक्षा हो जायेगी।...

21-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

किसी भी पेपर में फुल पास होने के लिए उस पेपर के क्वेश्चन के विस्तार में नहीं जाओ, सिर्फ एक पास शब्द स्मृति में रखो कि हमें पास होना है, पास करना है और बाप के पास रहना है तो पास विद आनर बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

20-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

निश्चयबुद्धि बच्चे व्यवहार वा परमार्थ के हर कार्य में सदा विजय की अनुभूति करते हैं। भल कैसा भी साधारण कर्म हो, लेकिन उन्हें विजय का अधिकार अवश्य प्राप्त होता हैक्योंकि निश्चय है कि कल्प-कल्प के हम विजयी हैं। - ओम् शान्ति।...

“बदनसीबी और खुशनसीबी अब इन दोनों शब्दों का मदार किस पर चलता है?”

वह कभी किसको दु:ख नहीं दे सकते। वह हमारे सारे कर्मों का खाता चुक्तू कराते हैं तब ही हम कहते हैं तुम मात पिता हम बालक तेरे...। - ओम् शान्ति।...

19-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

“एक बाप दूसरा न कोई'' - जो बच्चे ऐसी स्थिति में सदा रहते हैं उनकी बुद्धि सार स्वरूप में सहज स्थित हो जाती है। जहाँ एक बाप है वहाँ स्थिति एकरस और लवलीन है। एक की याद में एकरस रहो तो सहजयोगी बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

18-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

जो बच्चे सर्व शक्तियों से सदा सम्पन्न हैं वही मास्टर सर्वशक्तिमान् हैं। कोई भी शक्ति अगर समय पर काम नहीं आती तो मास्टर सर्वशक्तिमान् नहीं कह सकते। एक में ही हर्जा है, एक ही फेल कर देगी इसलिए एक भी शक्ति कम न हो और समय पर वह...

17-7-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:11-12-1991.

“सत्यता की सभ्यता ही रीयल रॉयल्टी है'' - यह प्योरिटी की ही विशेषता है इसलिए सिर्फ देव आत्माओं के आगे ही यह महिमा गाते हैं कि आप सम्पूर्ण निर्विकारी हो, और श्रेष्ठ कीर्ति अर्थात् श्रेष्ठ पवित्रता का ही कीर्तन होता है। - ओम् शान्ति।...

16-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सदा निश्चिंत वही रह सकते हैं जिनकी बुद्धि समय पर यथार्थ जजमेंट देती है क्योंकि दिन-प्रतिदिन समस्यायें, सरकमस्टांश और टाइट होने हैं, ऐसे समय पर कर्म और योग का बैलेन्स होगा तो निर्णय शक्ति द्वारा सहज पार कर लेंगे।सदैव यह निश्चय पक्का होगा कि जो हो रहा है उसमें...

15-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

बापदादा कहते हैं कि कर्म अलग नहीं, कर्म और योग दोनों साथ-साथ हैं। ऐसा कर्मयोगी कैसा भी कर्म होगा उसमें सहज सफलता प्राप्त कर लेगा।कर्म के साथ योग है माना मन और बुद्धि की एकाग्रता है तो सफलता बंधी हुई है। कर्मयोगी आत्मा को बाप की मदद भी स्वत:...