5-4-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
At the confluence age, you children have the greatest fortune of happiness because God Himself has chosen you. You have become the masters of the unlimited. This is unlimited spiritual intoxication. Continue to experience this and give others the same experience and you will be said to have the...
5-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
संगमयुग पर आप बच्चे सबसे अधिक खुशनसीब हो, क्योंकि स्वयं भगवान ने आपको पसन्द कर लिया। बेहद के मालिक बन गये। यह है बेहद का रूहानी नशा, इसका अनुभव करते और कराते रहो तब कहेंगे खुशनसीब। - ॐ शान्ति। ...
“परमात्मा को त्रिमूर्ति क्यों कहते हैं?”
यह सारी मेरी डिपार्टमेन्ट है, जब मैं खुद आता हूँ तो सारी डिपार्टमेन्ट ब्रह्मा, विष्णु, शंकर साथ में लाता हूँ और उन्हों द्वारा ही दैवी सृष्टि की स्थापना, आसुरी दुनिया का विनाश तथा नई सृष्टि की पालना कराने के लिये आता हूँ।...
“Why is God called Trimurti?”
"God Says, "When I come, I bring all My departments Brahma, Vishnu or Shankar with Me. I come to carry out the establishment of the deity world, the destruction of the devilish world and the sustenance of the new world through them.” - Om Shanti....
4-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.
सारे दिन में जो व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल, व्यर्थ कर्म और व्यर्थ सम्बन्ध-सम्पर्क होता है उस व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दो। होलीहंस बन व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दो तो फीलिंग प्रूफ बन जायेंगे। कोई गाली दे, गुस्सा करे, आप उसको शान्ति का शीतल जल दो,...
4-4-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.
Throughout the whole day, there are wasteful thoughts, wasteful words, wasteful actions and wasteful relationships and connections. So, become a holy swan and transform anything wasteful into powerful and you will become “feeling-proof.” If someone insults you or gets angry with you, just give them some cool water of...
“ How is God Karankaravanhar? ”
God, Himself, is the Seed of the whole world tree, and it is in God’s part to sow the seed. To sow the seed means to create creation, to finish the old world and to begin the new world. - Om Shanti....
3-4-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.Revised:13/03/90.
To transform yourself is to have good wishes for yourself. This is why you have to conduct yourself with discipline and transform yourself. There is benefit in this. Although there may not be any external benefit visible, you will continue to experience internal happiness and lightness. - Om Shanti....
3-4-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.रिवाइज:13/03/90.
स्व परिवर्तन करना ही शुभ चिंतक बनना है। इसलिए स्वयं को कायदे प्रमाण चलाते हुए स्व का परिवर्तन करो, इसी में ही फायदा है। बाहर से कोई फायदा भल दिखाई न दे लेकिन अन्दर से हल्कापन और खुशी की अनुभूति होती रहेगी।- ॐ शान्ति। ...
“ परमात्मा करनकरावनहार कैसे है? ”
परमात्मा भी स्वयं इस सारी सृष्टि का बीजरूप है और परमात्मा का पार्ट है बीज बोना। बीज बोने का मतलब है रचना करना। पुरानी सृष्टि की अन्त करना और नई सृष्टि की आदि करना इसको ही कहते हैं परमात्मा सबकुछ करता है। - ॐ शान्ति। ...