8-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Experiment with yoga using all the treasures you have received from the Father. Your experimentation is to have less expense of the treasures and greater attainment. When you have a greater result using less time and fewer thoughts, you will be said to be a successful tapaswi who experiments...

8-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

बाप द्वारा प्राप्त हुए सभी खजानों पर योग का प्रयोग करो। खजानों का खर्च कम हो और प्राप्ति अधिक हो - यही है प्रयोग। कम समय, कम संकल्प में रिजल्ट ज्यादा हो तब कहेंगे - योग का प्रयोग करने वाले सफल तपस्वी।- ओम् शान्ति।...

7-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

While carrying out any task, constantly be aware that the Almighty Authority Father is your Companion and you are a master almighty authority and you will not then have any type of heaviness.No matter how big a task your mind has or how much attention you have to pay,...

7-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

कोई भी कार्य करते सदा स्मृति रहे कि सर्वशक्तिमान् बाप हमारा साथी है, हम मास्टर सर्वशक्तिमान् हैं तो किसी भी प्रकार का भारीपन नहीं रहेगा। चाहे कितना भी बड़ा सोचने का काम हो, अटेन्शन देने का काम हो लेकिन मास्टर सर्वशक्तिमान के वरदान की स्मृति से अथक रहेंगे।- ओम्...

6-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

मन-बुद्धि और संस्कार - आत्मा की जो सूक्ष्म शक्तियां हैं, तीनों में लाइट अनुभव करना, यही बाप समान न्यारे-प्यारे बनना है आप बच्चों के संकल्प, कर्म, संबंध लाइट होते जायेंगे और लाइटनेस के कारण सारा कार्य लाइट चलता रहेगा। कारोबार का प्रभाव आप पर नहीं पड़ेगा, यही स्थिति बाप...

6-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

To experience your three subtle powers of the mind, intellect and sanskars to be light is to be as detached and loving as the Father. your thoughts, actions, and relationships have to continue to be light and, because of this lightness, all your tasks will continue to be light....

“याद का तैलुक (सम्बन्ध) है ज्ञान से, ज्ञान के बिना याद यथार्थ नहीं रह सकती”

परमात्मा तो गीता में साफ कहते हैं, न मैं ध्यान से, न जप से मिलता हूँ और न मेरी सूरत को सामने रख उनका ध्यान करना है - ओम् शान्ति।...

05-06-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:17/03/1991.

Have this determined thought by yourself - throughout the day, with your thoughts, words and actions, you will be a charitable soul and continue to perform charity. The instant fruit of performing charity is blessings from every soul.Let thanks of co-operation emerge from the hearts of those in relationship...

5-6-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:17-03-1991.

अपने आपसे यह दृढ़ संकल्प करो कि सारे दिन में संकल्प द्वारा, बोल द्वारा, कर्म द्वारा पुण्य आत्मा बन पुण्य ही करेंगे। पुण्य का प्रत्यक्षफल है हर आत्मा की दुआयें। ऐसे दुआओं के अधिकारी ही विश्व परिवर्तन के निमित्त बनते हैं। उन्हें ही प्राइज़ मिलती है।- ओम् शान्ति।...