28-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “होली मनाना अर्थात् दृढ़ संकल्प की अग्नि में कमजोरियों को जलाना”
महान आत्मा बनने का आधार है -“पवित्रता के व्रत को प्रतिज्ञा के रूप में धारण करना''I व्रत का अर्थ है मन में संकल्प लेना और स्थूल रीति से परहेज करना। आप सबने पवित्रता का व्रत लिया और वृत्ति श्रेष्ठ बनाई। सर्व आत्माओं के प्रति आत्मा भाई-भाई की वृत्ति बनने...
“The ancient yoga of Bharat is taught by God.”
“The ancient yoga of Bharat is taught by God.” - God Himself comes and teaches us this ancient yoga every cycle.– Om Shanti ...
“भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है”
“भारत का प्राचीन योग परमात्मा द्वारा सिखाया हुआ है" - वो प्राचीन योग भी परमात्मा आकर कल्प-कल्प हमें सिखलाता है।- ओम् शान्ति।...
“SPIRITUAL BOOK’S – आद्यात्मिक किताबे”
“SPIRITUAL BOOK’S – आद्यात्मिक किताबे” - E-Books & Audio Books in Hindi and English. इ बुक्स और ऑडियो बुक्स हिन्दी और अंग्रेजी में। - ॐ शान्ति। ...
27-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you know this unlimited play in the form of a drama”
Those who have the treasure of contentment have everything. Those who are content with just a little experience having all attainments, whereas for those who are not content, even though they have everything, it is as though they have nothing. Therefore, be ignorant of limited desires and you will...
27-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम इस बेहद लीला रूपी नाटक को जानते हो”
जिनके पास सन्तुष्टता का खजाना है उनके पास सब कुछ है, जो थोड़े में सन्तुष्ट रहते हैं उन्हें सर्व प्राप्तियों की अनुभूति होती है। और जिसके पास सन्तुष्टता नहीं तो सब कुछ होते भी कुछ नहीं है, इसलिए हद के इच्छा मात्रम् अविद्या .... तब कहेंगे सन्तुष्टमणि। - ओम्...
26-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “निरन्तर एक बाप की याद में रहने का पुरूषार्थ करो”
ब्राह्मण जीवन में आदि से अब तक जो भी प्राप्तियां हुई हैं-उनकी लिस्ट स्मृति में लाओ तो खुशी में उड़ते मंजिल पर सहज ही पहुंच जायेंगे। प्राप्ति की खुशी कभी नीचे हलचल में नहीं लायेगी क्योंकि सम्पन्नता अचल बनाती है।- ओम् शान्ति।...
26-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “make effort to stay constantly in remembrance of the one Father”
Bring into your awareness the list of all the attainments you have received from the beginning of your Brahmin life until now. that is, become an embodiment of remembrance and you will then easily fly in happiness and reach your destination. No upheaval will bring you down because you...
“Signs of coming close to completion and perfection.”
To continue to perform every action on the basis of a divine intellect is also a sign of perfection – Om Shanti....
“सम्पन्नता वा सम्पूर्णता के समीपता की निशानियां”
दिव्य बुद्धि के आधार पर हर कर्म होता रहे, यह भी सम्पूर्णता की निशानी है।- ओम् शान्ति।...