Category: “SPIRITUAL KNOWLEDGE BLOG – आध्यात्मिक ज्ञान ब्लॉग”

“इस अविनाशी ज्ञान पर अनेक नाम धरे हैं”

मनुष्य का पहला क्या फर्ज है, वो तो कोई नहीं जानता, बस इतना ही प्रचार करते हैं कि मर्यादा में रहो, मगर इतना भी नहीं जानते कि मनुष्य की पहली मर्यादा कौनसी है? .... - ओम् शान्ति।...

“याद का तैलुक (सम्बन्ध) है ज्ञान से, ज्ञान के बिना याद यथार्थ नहीं रह सकती”

परमात्मा तो गीता में साफ कहते हैं, न मैं ध्यान से, न जप से मिलता हूँ और न मेरी सूरत को सामने रख उनका ध्यान करना है - ओम् शान्ति।...

“God is One and all the rest are human souls.”

All of this praise belongs to God. Even though people understand all of this, they say that God is everywhere. “I, the soul, am God.” If all are God, then to which God does the praise “Ekomkar” belong? – Om Shanti....

“परमात्मा एक है बाकी सर्व मनुष्य आत्माये हैं”

अब यह सारी महिमा एक परमात्मा की है, अब मनुष्य इतना समझते हुए फिर भी कहते हैं ईश्वर सर्वत्र है। अहम् आत्मा सो परमात्मा है, अगर सभी परमात्मा ठहरे फिर एकोंकार ....यह महिमा किस परमात्मा की करते हैं? - ओम् शान्ति।...