Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

22-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

फर्स्ट जन्म में फर्स्ट नम्बर की आत्माओं के साथ राज्य अधिकार प्राप्त करना है तो जो भी कमजोरियां हैं उन्हें तपस्या की योग अग्नि में भस्म करो। मन-बुद्धि को एकाग्र करना अर्थात् एक ही संकल्प में रह फुल पास होना। व्यर्थ संकल्पों की समाप्ति ही सम्पूर्णता को समीप लायेगी।-...

22-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

In order to claim a right to the first kingdom with the first number souls in the first birth, burn with tapasya all weaknesses in the fire of yoga. To stabilise the mind and intellect means to stay in one thought and to pass fully. Finishing your waste thoughts...

21-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

किसी भी पेपर में फुल पास होने के लिए उस पेपर के क्वेश्चन के विस्तार में नहीं जाओ, सिर्फ एक पास शब्द स्मृति में रखो कि हमें पास होना है, पास करना है और बाप के पास रहना है तो पास विद आनर बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

21-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

In order to pass fully any paper, do not go into expansion of the questions in the paper.Simply remain aware of the one word “pass”: you have to pass, you have to pass (overcome), and you have to stay close to (pass) the Father, and you will pass...

20-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

निश्चयबुद्धि बच्चे व्यवहार वा परमार्थ के हर कार्य में सदा विजय की अनुभूति करते हैं। भल कैसा भी साधारण कर्म हो, लेकिन उन्हें विजय का अधिकार अवश्य प्राप्त होता हैक्योंकि निश्चय है कि कल्प-कल्प के हम विजयी हैं। - ओम् शान्ति।...

20-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The children whose intellect have faith always experience victory in all their worldly work and interaction and in their spiritual work. No matter how ordinary the work may be, they definitely have a right to victory because they have the faith that they are victorious every cycle. –...

“बदनसीबी और खुशनसीबी अब इन दोनों शब्दों का मदार किस पर चलता है?”

वह कभी किसको दु:ख नहीं दे सकते। वह हमारे सारे कर्मों का खाता चुक्तू कराते हैं तब ही हम कहते हैं तुम मात पिता हम बालक तेरे...। - ओम् शान्ति।...

19-7-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The intellects of the children who always have the stage of belonging to the one Father and none other easily become stable in the essence-full form. When you only have the one Father, your stage will be constant, stable and merged in love. Be constant and stable in having...

19-7-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

“एक बाप दूसरा न कोई'' - जो बच्चे ऐसी स्थिति में सदा रहते हैं उनकी बुद्धि सार स्वरूप में सहज स्थित हो जाती है। जहाँ एक बाप है वहाँ स्थिति एकरस और लवलीन है। एक की याद में एकरस रहो तो सहजयोगी बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...