Category: “DAILY MURLI – दैनिक मुरली”

21-12-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – शिवबाबा के सिवाए तुम्हारा यहाँ कुछ भी नहीं”

शिव भगवानुवाच : “मीठे बच्चे – शिवबाबा के सिवाए तुम्हारा यहाँ कुछ भी नहीं, इसलिए इस देह के भान से भी दूर खाली बेगर होना है, बेगर ही प्रिन्स बनेंगे”   प्रश्नः ड्रामा की यथार्थ नॉलेज कौन-से ख्यालात समाप्त कर देती है? उत्तर:- यह बीमारी क्यों आई, ऐसा नहीं...

21-12-2024 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Sweet children – Nothing here except Shiv Baba belongs to you.”

God Shiva speaks: “Sweet children, nothing here except Shiv Baba belongs to you. Therefore, go beyond even the consciousness of your bodies. Become as empty as a beggar. It is you beggars who will become princes.” Question:-    Which thoughts do you stop having when you have accurate knowledge of this drama? Answer:- “Why has this sickness...

23-9-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – आत्मा और परमात्मा का यथार्थ ज्ञान तुम्हारे पास है”

शिव भगवानुवाच : “मीठे बच्चे – आत्मा और परमात्मा का यथार्थ ज्ञान तुम्हारे पास है, इसलिए तुम्हें ललकार करनी है, तुम हो शिव शक्तियां” प्रश्नः सबसे ऊंची मंज़िल कौन सी है, जिसका ही तुम बच्चे पुरुषार्थ कर रहे हो? उत्तर:- निरन्तर याद में रहना – यह है सबसे ऊंची...

24-6-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 21-06-1961: “माया के अनेक प्रकार के विघ्नों से पार होना है”

आप बच्चे एक-एक सेकण्ड में पदमों से भी ज्यादा कमाई जमा कर सकते हो।एक सेकण्ड बिन्दू रूप बाप को याद करो, सेकण्ड बीता और बिन्दी लग गई, इतनी बड़ी कमाई जमा करने वाले आप बच्चे अभी पदमापदमपति बनते हो जो फिर अनेक जन्म तक खाते रहते हो। ऐसे कमाई...

16-4-2023 – ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 3-04-1994: “सन्तुष्टता काआधार – सम्बन्ध सम्पत्ति और सेहत (तन्दुरुस्ती)”

जब यह अनुभव हो जाता है कि मेरा बाबा है, तो जो मेरा होता है वह स्वत: याद रहता है। याद किया नहीं जाता है। मेरा अर्थात् अधिकार प्राप्त हो जाना। मेरा बाबा और मैं बाबा का - इसी को कहा जाता है सहजयोग।यह अटूट याद ही सर्व समस्याओं...

15-4-2023 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “मीठे बच्चे – एक दो को खुशी की खुराक खिलाते रहो”

वर्तमान समय कई आत्मायें आपके सहयोग के लिए चात्रक हैं लेकिन अपनी शक्ति नहीं है। उन्हें आपको अपने शक्तियों की मदद विशेष देनी पड़ेगी इसलिए निमित्त बने हुए सेवाधारियों में सर्व शक्तियों की पावर चाहिए।- ओम् शान्ति।...