“परमात्मा एक है बाकी सर्व मनुष्य आत्माये हैं”
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मातेश्वरी जी के अनमोल महावाक्य –
अब यह तो सारी दुनिया जानती है कि परमात्मा एक है वो सर्वशक्तिवान है, जानीजाननहार है, ऐसे तो सारी दुनिया खुद भी कहती है हम परमात्मा की संतान हैं। परमात्मा एक है, भल कोई धर्म वाला हो वो भी परमात्मा को ही मानते हैं। वो भी अपने को परमात्मा द्वारा भेजा हुआ सन्देशवाहक समझते हैं, ऐसे ही सन्देश लेकर अपने अपने धर्म की स्थापना करते हैं।
जैसे गुरुनानक ने भी परमात्मा की इतनी बड़ाई की एकोंकार सत् नाम। एकोंकार का अर्थ है परमात्मा एक है। सत् नाम अर्थात् उसका नाम सत्य है तो गोया परमात्मा नाम रूप वाला भी है, अविनाशी है, अकालमूर्त भी है तो फिर कर्ता पुरुष भी है माना वो खुद अकर्ता होते हुए भी कैसे ब्रह्मा तन द्वारा कर्ता पुरुष बनता है।
अब यह सारी महिमा एक परमात्मा की है, अब मनुष्य इतना समझते हुए फिर भी कहते हैं ईश्वर सर्वत्र है। अहम् आत्मा सो परमात्मा है, अगर सभी परमात्मा ठहरे फिर एकोंकार ….यह महिमा किस परमात्मा की करते हैं? इससे सिद्ध है कि परमात्मा एक है।
अच्छा – ओम् शान्ति।