“उसे फिर शिव नाम से क्यों बुलाते हैं?”
मातेश्वरी जी के अनमोल महावाक्य : – “उसे फिर शिव नाम से क्यों बुलाते हैं?”
जब हम ओम शब्द का उच्चारण करते हैं तो ओम् का अर्थ है मैं आत्मा हूँ और परमात्मा का बच्चा हूँ। यह शिव नाम सिर्फ एक ही परमात्मा का है, इस शब्द पर बहुत ही मनुष्य ऐसा प्रश्न पूछते हैं परमात्मा तो सारी दुनिया का मालिक अथवा बाप है, उसे फिर शिव नाम से क्यों बुलाते हैं? अब इस राज़ को दुनिया नहीं जानती।
परमात्मा का नाम है शिव क्योकि दुनिया में अनेक धर्म है तो हर एक धर्म वाले परमात्मा को अपना-अपना नाम देकर बुलाते हैं। कोई गॉड कहकर बुलायेंगे, कोई खुदा, कोई अल्लाह, कोई फिर शिव कहकर बुलाते हैं। वैसे भारत में परमात्मा शिव के नाम से गाया हुआ है, तो सारी दुनिया विलायत वाले शिव नाम से परमात्मा को कैसे मानेंगे? अब इस पर समझाया जाता है, वास्तव में परमात्मा का नाम शिव है वो ज्योति स्वरूप है, उनकी यादगार प्रतिमा शिवलिंग रूप में पूजी जाती है। सो भी खास करके भारत में पूजा ज्यादा होती है क्योंकि परमात्मा का जन्म भारत खण्ड में हुआ, तो जरूर इस देश का ही नाम पड़ेगा।
जरूर परमात्मा एक ही जगह आयेगा ना। अगर विलायत के तरफ आयेगा तो भारतवासी कैसे मानेंगे परन्तु भारत खण्ड का नाम बड़ा मशहूर है, यह अविनाशी अखण्ड गाया जाता है इसलिए यहाँ खुद परमात्मा पधार गये हैं और परमात्मा के महावाक्य हैं कि जब भारत पर अति धर्म ग्लानि होती है तब ही मैं अधर्म का विनाश और सतधर्म की स्थापना करने आता हूँ और यह सारा कार्य मैं एक बार अवतार धारण करके करता हूँ, तो परमात्मा का अवतरण भी भारत में हुआ, जहाँ कल्प पहले आये थे वहाँ ही फिर आना होता है इसलिए भारत को अविनाशी खण्ड कहते हैं। भारत खण्ड परमात्मा का जन्म स्थान भी है और देवताओं के राज्य का स्थान भी है।
अच्छा – ओम् शान्ति।
SOURSE: 18-7-2022 प्रात: मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन.