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23-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

यदि कोई भी गलती हो जाती है तो गलती होने के बाद क्यों, क्या, कैसे, ऐसे नहीं वैसे...यह सोचने में समय नहीं गंवाओ। व्यर्थ संकल्पों के तेज बहाव को परिवर्तन शक्ति द्वारा सेकण्ड में स्टॉप कर दो तो निर्विकल्प स्थिति बन जायेगी। जब यह संस्कार इमर्ज हो तब कहेंगे...

22-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सारे विश्व की आत्मायें परमात्मा को बाप कहती हैं लेकिन पालना और पढ़ाई के पात्र नहीं बनती हैं। सारे कल्प में आप थोड़ी सी आत्मायें अभी ही इस भाग्य के पात्र बनती हो। तो इस पालना का प्रैक्टिकल स्वरूप है - सहजयोगी जीवन। -ॐ शान्ति। ...

21-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Souls of the whole world call God “Father”, but they do not become worthy of this sustenance or this study. Only at this time out of the whole cycle, do you few souls become worthy of this fortune. The practical form of this sustenance is an easy yogi life....

21-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

सबसे बड़ी अथॉरिटी अनुभव की है। जैसे सोचते और कहते हो कि आत्मा शान्त स्वरूप, सुख स्वरूप है - ऐसे एक-एक गुण वा शक्ति की अनुभूति करो और उन अनुभवों में खो जाओ।अनुभवी मूर्त बनना ही श्रेष्ठ पुरूषार्थ की निशानी है। तो अनुभवों को बढ़ाओ।- ॐ शान्ति। ...

21-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The greatest authority is experience. Just as you think and say the soul is an embodiment of peace and an embodiment of happiness, in the same way, experience each virtue and power and become lost in those experiences. So, increase your experiences. - Om Shanti ....

20-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.रिवाइज: 14/01/90.

दृढ़ निश्चय भाग्य को निश्चित कर देता है। जैसे ब्रह्मा बाप फर्स्ट नम्बर में निश्चित हो गये, ऐसे हमें फर्स्ट डिवीजन में आना ही है - यह दृढ़ निश्चय हो। साथ के अनुभव को बढ़ाओ तो सब सहज हो जायेगा, जिसके साथ स्वयं सर्वशक्तिमान् बाप है उसके आगे माया...

20-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.Revised:14/01/90.

Determined faith fixes your fortune. Just as Father Brahma is fixed as the first number, in the same way, have the determined faith that you will definitely come in the first division.Maya is a paper tiger in front of those who have the company of the Almighty Authority Father....

19-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

God’s love gives you so much happiness that if you become lost in it, you will forget this world of sorrow. To have all your desires fulfilled for whatever you want in this life is a sign of God’s love. This is why there is no need to ask...

19-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

परमात्म प्यार ऐसा सुखदाई है जो उसमें यदि खो जाओ तो यह दुख की दुनिया भूल जायेगी। इस जीवन में जो चाहिए वो सर्व कामनायें पूर्ण कर देना - यही तो परमात्म प्यार की निशानी है।इसलिए मांगने की आवश्यकता नहीं, सिर्फ मिले हुए खजाने को विधि पूर्वक समय प्रति...

18-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

BapDada loves ordinary souls. The Father Himself enters an ordinary body. According to the drama, to be ordinary at the confluence age is a sign of fortune. Ordinary children are able to make the Father belong to them, and so they experience fortune as their right. Those who have...