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22-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप को याद करो तो वर्सा मिल जायेगा”

संगमयुग रूहानी मौजों में रहने का युग है इसलिए सदा मौज में रहो, कभी भी मूंझना नहीं। कोई भी परिस्थिति या परीक्षा में थोड़े समय के लिए भी मूंझ हुई और उसी घड़ी अन्तिम घड़ी आ जाए तो अन्त मति सो गति क्या होगी! इसलिए सदा एवररेडी रहो। -...

21-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “महाशिवरात्रि-प्रतिज्ञा करना व्रत लेना और बलि चढ़ना”

जैसे किसी की कोई भी नेचर होती है तो वह स्वत: ही अपना काम करती है। सोचना वा करना नहीं पड़ता। ऐसे विशेषता के संस्कार भी नेचर बन जाएं और हर एक के मुख से, मन से यही निकले कि इस विशेष आत्मा की नेचर ही विशेषता की है।...

“कैसे मानें कल्प 5 हजार वर्ष का है?”

अब अपने को तो स्वयं वर्ल्ड आलमाइटी अथॉरिटी परमात्मा एक्यूरेट सुनाता है और साथ साथ हमें दिव्य दृष्टि द्वारा साक्षात्कार भी कराता है, तो क्या हम उस पर विश्वास नहीं करेंगे? - ओम् शान्ति। ...

19-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम ज्ञान को बुद्धि में रख सदा हर्षित रहो।”

जो बच्चे सदा एक बाप के स्नेह में समाये हुए हैं -बाप उनसे जुदा नहीं और वे बाप से जुदा नहीं। स्नेह में समाई हुई आत्मायें सदा सर्व प्राप्ति सम्पन्न होने के कारण सहज ही “एक बाप दूसरा न कोई'' इस अनुभूति में रहती हैं। समाई हुई आत्माओं के...

“So why is He called “Shiva” ?”

His memorial is worshipped in the form of a Shivlingam because God took birth in the land of Bharat so this land would definitely be mentioned.– Om Shanti....

“उसे फिर शिव नाम से क्यों बुलाते हैं?”

उनकी यादगार प्रतिमा शिवलिंग रूप में पूजी जाती है। सो भी खास करके भारत में पूजा ज्यादा होती है क्योंकि परमात्मा का जन्म भारत खण्ड में हुआ, तो जरूर इस देश का ही नाम पड़ेगा।- ओम् शान्ति।...