“प्रभु हम बच्चों को उस पार ले चलो उस पार का मतलब क्या है? क्या मनुष्य मनुष्य 84 लाख योनियां भोगते हैं?”
सृष्टि पर जानवर पशु, पंछी आदि टोटल 84 लाख योनियां हो सकती हैं। अनेक किस्म की जैसे पैदाइश है, उसमें भी मनुष्य, मनुष्य योनी में ही अपना पाप पुण्य भोग रहे हैं। और जानवर अपनी योनियों में भोग रहे हैं।.... - ओम् शान्ति। ...
10-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you are spiritual horses. You have to run the race to become victorious jewels”
Every action of a karma yogi soul is yogyukt and yuktiyukt. To have constant yoga means that the basis of your remembrance is love. Whoever is loved is automatically remembered. Someone full of love would attract you. So, let your every second, every thought and every word always be...
10-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम रूहानी अश्व हो – तुम्हें विजयी रत्न बनने की रेस करनी है”
कर्मयोगी आत्मा का हर कर्म योगयुक्त, युक्तियुक्त होगा।निरन्तर योग अर्थात् याद का आधार है प्यार। जो प्यारा लगता है वह स्वत: याद रहता है। प्यार वाली चीज़ अपनी ओर आकर्षित करती है। तो हर सेकण्ड, हर संकल्प, हर बोल सदा श्रेष्ठ हो और एक बाप से दिल का प्यार...
9-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The original religion of souls is peace. Therefore you mustn’t ask for peace but must remain stable in your original religion.”
Purity is not just celibacy, but it is not able to have any negative thoughts for anyone in your mind. Do not speak any such words, but have good relationships and connections with everyone. Do not let your purity be broken in any of those things, and you would...
8-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम रूहानी आशिक हो – एक माशुक परमात्मा के तुम्हें एक को ही दिल से याद करना है”
कैसी भी आत्मायें हों लेकिन अपनी दृष्टि, अपनी भावना प्यार की हो - इसको कहा जाता है सर्व के प्यारे। कोई इनसल्ट करे या घृणा सबके प्रति प्यार हो। चाहे संबंधी क्या भी कहें, क्या भी करें लेकिन आपकी भावना शुद्ध हो, सर्व के प्रति कल्याण की हो -...
8-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you are spiritual lovers of the one Beloved the Supreme Soul. Your hearts must only remember the One”
No matter what souls are like, let your drishti and your feelings be full of love. This is known as being loving to all. Whether someone insults you or dislikes you, have love for everyone. No matter what your relatives may say or do, let your feelings be pure...
“तुम मात पिता हम बालक तेरे… अब यह महिमा किसके लिये गाई हुई है?”
अवश्य पर-मात्मा के लिये गायन है क्योंकि परमात्मा खुद माता पिता रूप में आए इस सृष्टि को अपार सुख देता है। जरूर परमात्मा ने कब सुख की सृष्टि बनाई है तभी तो उनको माता पिता कहकर बुलाते हैं।- ओम् शान्ति।...
“You are the Mother the Father we are your children … Now for whom is this glory sung?”
This is surely sung to God, because God Himself comes in the form of the Mother and Father and gives limitless happiness to this world. God definitely created a world of happiness at some point, for this is why they call out to Him as the Mother and Father.–...
7-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें अच्छे संस्कार धारण कर पतितों को पावन बनाने की सर्विस करनी है”
मेरेपन का विस्तार ही बोझ है।संकल्प में भी मेरे पन का भान आया तो समझो मैले हो गये। किसी भी चीज़ पर मैल चढ़ जाए तो मैल का बोझ हो जायेगा। तो सब बोझ बाप हवाले कर मेरेपन की मैल को समाप्त करो तो फरिश्ता बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...
7-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “imbibe good sanskars and serve to make impure ones pure.”
The expansion of the consciousness of “mine” is a burden.If you have any consciousness of “mine”, even in your thoughts, you should understand that you have become dirty. Anything covered with dirt would be burdened with dirt. So, hand over all your burdens to the Father, finish the dirt...