18-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “कछुये मिसल सब कुछ समेटकर चुप बैठ स्वदर्शन चक्र फिराओ”
प्रवृत्ति में रहते हुए कभी यह नहीं समझो कि हिसाब-किताब है, कर्मबन्धन है...लेकिन यह भी सेवा है। सेवा के बन्धन में बंधने से कर्मबन्धन खत्म हो जाता है। जब तक सेवा भाव नहीं होता तो कर्मबन्धन खींचता है। कर्मबन्धन होगा तो दुख की लहर आयेगी और सेवा का बन्धन...
17-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “दूसरों का कल्याण करने के निमित्त बनो”
बाप की याद ही छत्रछाया है, जितना याद में रहते उतना साथ का अनुभव होता है। छत्रछाया में रहना अर्थात् सदा सेफ रहना। छत्रछाया के नीचे, मर्यादा की लकीर के अन्दर रहने से कोई की हिम्मत नहीं अन्दर आने की।इसलिए साथ के अनुभव से मायाजीत बनो।- ओम् शान्ति।...
17-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Become instruments to bring constant benefit to yourselves and others.”
Remembrance of the Father is your canopy of protection. According to how much you have remembrance of the Father, you experience His company. To stay under the canopy of protection means to be constantly safe. When you stay under the canopy of protection and within the line of the...
16-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli. Revised:03-11-1992: “The signs of souls who are filled with spiritual royalty.”
In the physical world, it is said: Eat fresh fruit and you will stay healthy. They show fruit as a means of staying healthy. You children eat instant fruit at every second. I am in a happy state and I move like an angel. I am healthy, wealthy and...
15-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “wake up early in the morning and sit in remembrance.”
The thoughts of those who are constantly stable in the stage of the master are always in order. The mind cannot influence its master. Brahmin souls cannot be influenced by their weak natures or sanskars. – Om Shanti....
In Spiritual Study -“What are the first points that we have to keep in our intellects and pay a lot of attention?”
this Godly knowledge cannot be taught by any human, whether he is a sage, a saint, or a great soul. It can only be taught by the Supreme Soul, Himself.– Om Shanti....
आद्यात्मिक पढ़ाई में :“पहले-पहले कौनसी मुख्य प्वाइन्ट जिस पर खूब अटेन्शन रखना है?”
"यह ईश्वरीय नॉलेज सिवाए एक परमात्मा बिगर कोई भी मनुष्य आत्मा चाहे साधू, संत, महात्मा हो वो भी नहीं पढ़ा सकेगा।“-ओम् शान्ति।...
14-10-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you give this study a lot of value.”
The power of concentration easily frees you from obstacles. For this, set your mind and intellect on the seat of an experience. The power of concentration automatically enables you to experience belonging to the one Father and none other. By doing this, your stage will easily become constant and...
14-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम्हें पढ़ाई का बहुत कदर रखना है।”
एकाग्रता की शक्ति सहज ही निर्विघ्न बना देती है। इसके लिए मन और बुद्धि को किसी भी अनुभव की सीट पर सेट कर दो। एकागता की शक्ति स्वत: ही “एक बाप दूसरा न कोई'' - यह अनुभूति कराती है। इससे सहज ही एकरस स्थिति बन जाती है। सर्व के...
13-10-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “अब तुम्हारे सुख के दिन आये कि आये”
इस कल्याणकारी युग में, कल्याणकारी बाप के साथ-साथ आप बच्चे भी कल्याणकारी हो। आपकी चैलेन्ज है कि हम विश्व परिवर्तक हैं। दुनिया वालों को सिर्फ विनाश दिखाई देता इसलिए समझते हैं - यह अकल्याण का समय है लेकिन आपके सामने विनाश के साथ स्थापना भी स्पष्ट है और मन...