“Signs of coming close to completion and perfection.”
To continue to perform every action on the basis of a divine intellect is also a sign of perfection – Om Shanti....
“सम्पन्नता वा सम्पूर्णता के समीपता की निशानियां”
दिव्य बुद्धि के आधार पर हर कर्म होता रहे, यह भी सम्पूर्णता की निशानी है।- ओम् शान्ति।...
25-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “You do the service of changing residents of hell into residents of heaven”
You Brahmin children should constantly keep in front of you a list of all the fortune you have received from amrit vela until night time and continue to sing the song: “Wah! The elevated fortune that the Bestower of Fortune is mine!” With this intoxication, constantly continue to dance...
24-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Become pure and go to the pure world.”
Someone who has yoga in karma and karma in yoga is one who has an elevated consciousness and an elevated stage and creates an elevated atmosphere; such a karma yogi claims a right to receive blessings from everyone. By having a balance of karma and yoga, you definitely receive...
24-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “पवित्र बनकर पवित्र दुनिया में जाना है”
कर्म में योग और योग में कर्म - ऐसा कर्मयोगी अर्थात् श्रेष्ठ स्मृति, श्रेष्ठ स्थिति और श्रेष्ठ वायुमण्डल बनाने वाला सर्व की दुआओं का अधिकारी बन जाता है। कर्म और योग के बैलेन्स से हर कर्म में बाप द्वारा ब्लैसिंग तो मिलती ही है लेकिन जिसके भी संबंध-सम्पर्क में...
23-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you now have to leave those old homes (bodies) and go back with the Father”
You souls are instruments to make many souls fly. Therefore, let your wings of zeal and enthusiasm be strong. Constantly maintain the awareness: We Brahmins are responsible for world benefit. Those who have zeal and enthusiasm are tireless. They constantly increase the zeal and enthusiasm in others with their...
22-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Remember the Father and you will receive your inheritance”
संगमयुग रूहानी मौजों में रहने का युग है इसलिए सदा मौज में रहो, कभी भी मूंझना नहीं। कोई भी परिस्थिति या परीक्षा में थोड़े समय के लिए भी मूंझ हुई और उसी घड़ी अन्तिम घड़ी आ जाए तो अन्त मति सो गति क्या होगी! इसलिए सदा एवररेडी रहो। –...
22-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप को याद करो तो वर्सा मिल जायेगा”
संगमयुग रूहानी मौजों में रहने का युग है इसलिए सदा मौज में रहो, कभी भी मूंझना नहीं। कोई भी परिस्थिति या परीक्षा में थोड़े समय के लिए भी मूंझ हुई और उसी घड़ी अन्तिम घड़ी आ जाए तो अन्त मति सो गति क्या होगी! इसलिए सदा एवररेडी रहो। -...
21-8-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “Maha Shiv Ratri- make a promise – hold a fast and sacrifice yourself”
Whatever is your nature, it works automatically. You don’t need to think or do anything. In the same way, let the sanskar of being special become your nature and let it emerge from each one’s lips and mind: This soul’s nature is of being special. Finish performing ordinary actions...
21-8-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “महाशिवरात्रि-प्रतिज्ञा करना व्रत लेना और बलि चढ़ना”
जैसे किसी की कोई भी नेचर होती है तो वह स्वत: ही अपना काम करती है। सोचना वा करना नहीं पड़ता। ऐसे विशेषता के संस्कार भी नेचर बन जाएं और हर एक के मुख से, मन से यही निकले कि इस विशेष आत्मा की नेचर ही विशेषता की है।...