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6-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “दूरादेशी विशाल बुद्धि बन सर्विस करनी है”

एक बल, एक भरोसे में रहने वाली आत्मा सदा एकरस स्थिति में स्थित होगी। एकरस स्थिति अर्थात् सदा अचल, हलचल नहीं। एकरस स्थिति का अर्थ ही है कि एक द्वारा सर्व सम्बन्ध, सर्व प्राप्तियों के रस का अनुभव करना। उसे और कोई भी संबंध अपनी ओर आकर्षित नहीं कर...

3-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “जो शुभ कार्य करना है वह आज कर लो”

देह-भान में रहने से अनेक प्रकार के भाव उत्पन्न होते हैं। कभी कोई अच्छा लगेगा तो कभी कोई बुरा लगेगा। आत्मा रूप में देखने से रूहानी प्यार पैदा होगा। आत्मिक भाव, आत्मिक दृष्टि, आत्मिक वृत्ति में रहने से हर एक के सम्बन्ध में आते हुए अति न्यारे और प्यारे...

2-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “अभी तुम ब्राह्मणों को देवताओं से भी जास्ती रॉयल्टी से चलना है”

किसी भी धर्म की आत्माओं को मिलते वा देखते हो तो यह स्मृति रहे कि यह सब आत्मायें हमारे ग्रेट-ग्रेट ग्रैन्ड फादर की वंशावली हैं। हम ब्राह्मण आत्मायें पूर्वज हैं। पूर्वज सभी की पालना करते हैं। आपकी अलौकिक पालना का स्वरूप है बाप द्वारा प्राप्त हुई सर्व शक्तियां अन्य...

1-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “तुम्हें बाप का फरमान है तुम एक बाप से ही सुनो”

अभी समय प्रति समय विश्व में हलचल बढ़नी ही है। अशान्ति वा हिंसा के समाचार सुनते हुए आप रूहानी सोशल सेवाधारी बच्चों को विशेष अलर्ट बनकर अपने पावरफुल वायब्रेशन द्वारा सबमें शान्ति की, सहन शक्ति की हिम्मत भरनी है, लाइट हाउस बन सर्व को शान्ति की लाइट देनी है।...