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11-9-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज: 8-4-1992: “ब्रह्मा बाप से प्यार की निशानी है – अव्यक्त फरिश्ता बनना”

यथार्थ वा सच्चा योगी वह है जो अपनी बुद्धि को एक सेकण्ड में जहाँ और जब लगाना चाहे वहाँ लगा सके। परिस्थिति हलचल की हो, वायुमण्डल तमोगुणी हो, माया अपना बनाने का प्रयत्न कर रही हो फिर भी सेकण्ड में एकाग्र हो जाना - यह है याद की शक्ति।...

7-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “बाप की शिक्षाओं को धारण कर तुम्हें गुणवान फूल बनना है”

नष्टोमोहा वा ट्रस्टी की निशानी है - दु:ख और अशान्ति का नाम निशान न हो। कभी कमाने में धन नीचे ऊपर हो जाए वा सम्बन्ध निभाने में कोई बीमार हो जाए, तो भी दु:ख की लहर न आये। सदा बेफिक्र बादशाह। - ओम् शान्ति।...

6-9-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली – “दूरादेशी विशाल बुद्धि बन सर्विस करनी है”

एक बल, एक भरोसे में रहने वाली आत्मा सदा एकरस स्थिति में स्थित होगी। एकरस स्थिति अर्थात् सदा अचल, हलचल नहीं। एकरस स्थिति का अर्थ ही है कि एक द्वारा सर्व सम्बन्ध, सर्व प्राप्तियों के रस का अनुभव करना। उसे और कोई भी संबंध अपनी ओर आकर्षित नहीं कर...