11-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “प्रत्यक्षता का आधार – दृढ़ प्रतिज्ञा”
श्रेष्ठ कर्म की निशानी है - स्वयं भी सन्तुष्ट और दूसरे भी सन्तुष्ट। ऐसे नहीं मैं तो सन्तुष्ट हूँ, दूसरे हों या नहीं। योगी जीवन वाले का प्रभाव दूसरों पर स्वत: पड़ता है। योगी जीवन के तीन सर्टीफिकेट हैं - एक स्व से सन्तुष्ट, दूसरा - बाप सन्तुष्ट और...
11-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The basis of revelation is a firm promise.”
The sign of your performing elevated actions is to be content with yourself and content with others. Let it not be: I am content, whether others are content or not. Those who have a yogi life automatically impress others. There are three certificates needed for a yogi life. 1)...
“God take us children across to the other side” – what does “to the other side” mean? Do human beings go through 8.4 million species?”
Human beings take 84 births, but there must definitely be 8.4 million species of animals, birds, etc. in this world. There is the creation of many types, and human beings experience within that their sin and charity in the human birth and animals experience it in their birth....– Om...
“प्रभु हम बच्चों को उस पार ले चलो उस पार का मतलब क्या है? क्या मनुष्य मनुष्य 84 लाख योनियां भोगते हैं?”
सृष्टि पर जानवर पशु, पंछी आदि टोटल 84 लाख योनियां हो सकती हैं। अनेक किस्म की जैसे पैदाइश है, उसमें भी मनुष्य, मनुष्य योनी में ही अपना पाप पुण्य भोग रहे हैं। और जानवर अपनी योनियों में भोग रहे हैं।.... - ओम् शान्ति। ...
10-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you are spiritual horses. You have to run the race to become victorious jewels”
Every action of a karma yogi soul is yogyukt and yuktiyukt. To have constant yoga means that the basis of your remembrance is love. Whoever is loved is automatically remembered. Someone full of love would attract you. So, let your every second, every thought and every word always be...
10-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम रूहानी अश्व हो – तुम्हें विजयी रत्न बनने की रेस करनी है”
कर्मयोगी आत्मा का हर कर्म योगयुक्त, युक्तियुक्त होगा।निरन्तर योग अर्थात् याद का आधार है प्यार। जो प्यारा लगता है वह स्वत: याद रहता है। प्यार वाली चीज़ अपनी ओर आकर्षित करती है। तो हर सेकण्ड, हर संकल्प, हर बोल सदा श्रेष्ठ हो और एक बाप से दिल का प्यार...
9-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “The original religion of souls is peace. Therefore you mustn’t ask for peace but must remain stable in your original religion.”
Purity is not just celibacy, but it is not able to have any negative thoughts for anyone in your mind. Do not speak any such words, but have good relationships and connections with everyone. Do not let your purity be broken in any of those things, and you would...
9-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “आत्मा का स्वधर्म शान्ति है – इसलिए शान्ति नहीं मांगनी है स्वधर्म में टिकना है”
पवित्रता सिर्फ ब्रह्मचर्य नहीं लेकिन मन्सा संकल्प में भी किसी के प्रति निगेटिव संकल्प नहीं हो, बोल में भी कोई ऐसे शब्द न निकलें, सम्बन्ध-सम्पर्क भी सबसे अच्छा हो, किसी में जरा भी अपवित्रता खण्डित न हो तब कहेंगे पूज्य आत्मा। तो पवित्रता के फाउण्डेशन को चेक करो। ...
8-12-2022 “अव्यक्त-बापदादा” मधुबन प्रात: मुरली : “तुम रूहानी आशिक हो – एक माशुक परमात्मा के तुम्हें एक को ही दिल से याद करना है”
कैसी भी आत्मायें हों लेकिन अपनी दृष्टि, अपनी भावना प्यार की हो - इसको कहा जाता है सर्व के प्यारे। कोई इनसल्ट करे या घृणा सबके प्रति प्यार हो। चाहे संबंधी क्या भी कहें, क्या भी करें लेकिन आपकी भावना शुद्ध हो, सर्व के प्रति कल्याण की हो -...
8-12-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Morning Murli: “you are spiritual lovers of the one Beloved the Supreme Soul. Your hearts must only remember the One”
No matter what souls are like, let your drishti and your feelings be full of love. This is known as being loving to all. Whether someone insults you or dislikes you, have love for everyone. No matter what your relatives may say or do, let your feelings be pure...