Tag: Paramatm Gyan

29-07-2021              प्रात: मुरली ओम् शान्ति  “बापदादा” मधुबन  “मीठे बच्चे – यह भारत भूमि निराकार बाप की जन्म-भूमि है, यहाँ ही बाप आते हैं तुम्हें राजयोग सिखलाकर राजाई देने, तुम्हारी सेवा करने’ प्रश्नः- शिवबाबा अपने हर एक बच्चे से कौन सी प्रतिज्ञा कराते हैं? उत्तर:- मीठे बच्चे – प्रतिज्ञा...

28-07-2021              प्रात: मुरली ओम् शान्ति  “बापदादा” मधुबन  “मीठे बच्चे – यह पुरुषोत्तम बनने का संगमयुग है, इसमें कोई भी पाप कर्म नहीं करना है” प्रश्नः- संगम पर तुम बच्चे सबसे बड़ा पुण्य कौन सा करते हो? उत्तर:- स्वयं को बाप के हवाले कर देना अर्थात् सम्पूर्ण स्वाहा हो...

27-07-2021                  प्रात: मुरली ओम् शान्ति   “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – योगबल से ही आत्मा की कट निकलेगी, इसलिए योग में कभी भी ग़फलत नहीं करो” प्रश्नः-  बाप ने बच्चों को बेहद का वर्सा लेने की कौन सी युक्ति बताई जिसमें माया चारों तरफ विघ्न डालती है? उत्तर:-  ...

26-07-2021                 प्रात: मुरली ओम् शान्ति                    “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद की यात्रा में कभी थकना नहीं, देह-अभिमान के तूफान थकाते हैं, देही-अभिमानी बनो तो थक दूर हो जायेगा” प्रश्नः-  कौन सा संस्कार 21 जन्मों की श्रेष्ठ तकदीर को बिगाड़ने वाला है? उत्तर:-   अगर किसी में रूठने...

25-07-2021 प्रात: मुरली ओम् शान्ति        ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज:20-02-88 मधुबन तन, मन की थकावट मिटाने का साधन – “शक्तिशाली याद” ओम् शान्ति।  आज परदेशी बाप अपने अनादि देशवासी और आदि देशवासी सेवा-अर्थ सभी विदेशी, ऐसे बच्चों से मिलने के लिए आये हैं। बापदादा जानते हैं कि यही मेरे सिकीलधे लाडले बच्चे...

23-07-2021                 प्रात: मुरली ओम् शान्ति                    “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें अपना चिंतन करना है, दूसरे का नहीं क्योंकि ड्रामा अनुसार जो करेगा वह पायेगा” प्रश्नः–  त्रिकालदर्शी बनने से आत्मा को कौन सी स्मृति आई है? उत्तर:-   आत्मा को स्मृति आई – हम असुल मूलवतन के निवासी...

21-07-2021                 प्रात: मुरली ओम् शान्ति                    “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप आये हैं तुम बच्चों की अविनाशी ज्ञान रत्नों से झोली भरने, यह एक-एक ज्ञान रत्न लाखों रूपयों का है” उत्तर:-   क्योंकि बाप तुम्हें अभी गुप्त ज्ञान रत्नों का दान देते हैं, इसे दुनिया नहीं जानती, फिर...