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7-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

While having relationships with the Mother, the Father and everyone else, fill yourself with the treasure of blessings and you will never have to work hard to make effort. With these, no obstacle can touch you even slightly. You will become obstacle-proof with these and you will not have...

6-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

मात-पिता और सर्व के संबंध में आते हुए दुआओं के खजाने से स्वयं को सम्पन्न करो तो कभी भी पुरूषार्थ में मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।कोई भी विघ्न जरा भी स्पर्श नहीं कर सकता, इससे विघ्न प्रूफ बन जायेंगे, युद्ध नहीं करनी पड़ेगी। - ॐ शान्ति। ...

6-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli – Revised:06/01/90.

The treasure of the jewels of knowledge is the most elevated treasure. Only at this time can you experience liberation and liberation-in-life with this treasure. To be constantly free from wasteful thoughts, sinful thoughts and sinful actions is the stage of experiencing liberation and liberation-in-life. - Om Shanti....

6-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली – रिवाइज: 06/01/90.

ज्ञान रत्नों का खजाना सबसे श्रेष्ठ खजाना है, इस खजाने द्वारा इस समय ही मुक्ति-जीवनमुक्ति की अनुभूति कर सकते हो। अनेक व्यर्थ संकल्पों से, विकल्पों से और विकर्मो से सदा मुक्त रहना - यही मुक्त और जीवनमुक्त अवस्था है। - ॐ शान्ति। ...

5-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

You are a victorious soul every cycle. Therefore, let the tilak of victory be constantly sparkling on your forehead. This tilak of victory will also give happiness to others because the face of a victorious soul is always happy. At the end, when no one will have time to...

5-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

हम कल्प-कल्प की विजयी आत्मा हैं, विजय का तिलक मस्तक पर सदा चमकता रहे तो यह विजय का तिलक औरों को भी खुशी दिलायेगा क्योंकि विजयी आत्मा का चेहरा सदा ही हर्षित रहता है। जब अन्त में किसी के पास सुनने का समय नहीं होगा तब आपका आकर्षण मूर्त...

4-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

have particular sanskars, special intellects, special virtues, special talents, or special powers. The arrogance of these, that is, the ego, intoxication, bossiness, are all forms of some subtle arrogance of the body. This arrogance will not allow you to become a subtle angel or incorporeal. So, renounce any trace...

4-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

अपने संस्कार विशेष हैं, बुद्धि विशेष है, गुण विशेष हैं, कलायें विशेष हैं, कोई शक्ति विशेष है - उसका अभिमान अर्थात् अंहकार, नशा, रोब - ये सूक्ष्म देह-अभिमान है। तो यह अभिमान कभी भी आकारी फरिश्ता वा निराकारी बनने नहीं देगा, इसलिए इसके अंश मात्र का भी त्याग करो...

3-2-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli

Just as the Father is the Supreme Soul, in the same way, the children who play special parts are also supreme, that is, elevated in every aspect. While walking and moving around, eating and drinking, simply consider yourself to be a special actor and play your part on the...

3-2-2022 -”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली

जैसे बाप परम आत्मा है, वैसे विशेष पार्ट बजाने वाले बच्चे भी हर बात में परम यानी श्रेष्ठ हैं। सिर्फ चलते-फिरते, खाते-पीते विशेष पार्टधारी समझकर ड्रामा की स्टेज पर पार्ट बजाओ। हर समय अपने कर्म अर्थात् पार्ट पर अटेन्शन रहे। - ॐ शान्ति। ...