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23-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

The children who perform every action according to the elevated directions have unlimited spiritual intoxication. While performing actions, they do not attract any bondage of karma; they are detached and loving. By performing actions a karma yogis, always perform actions as masters and this is why they experience the...

22-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Even if something is totally bad, there will definitely be one or other good within it This is why it is said: Whatever is happening is good and whatever is to happen will be even better. You simply need to have an intellect to take the goodness from it....

22-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

चाहे सारी बात बुरी हो लेकिन उसमें भी एक दो अच्छाई जरूर होती हैं, इसलिए कहते हैं जो हो रहा है वह अच्छा और जो होना है वह और अच्छा। अच्छाई उठाने की सिर्फ बुद्धि चाहिए। बुराई को न देख अच्छाई उठा लो तो नम्बरवन बन जायेंगे।- ओम् शान्ति।...

21-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

By becoming Brahmins, you have all developed colour and your forms have transformed. However, your fragrance is numberwise. In order to become an image that attracts, along with colour and form, you also need to have the fragrance of complete purity. Purity means to celibate in terms of your...

21-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

ब्राह्मण बनने से सभी में रंग भी आ गया है और रूप भी परिवर्तन हो गया है लेकिन खुशबू नम्बरवार है। आकर्षण मूर्त बनने के लिए रंग और रूप के साथ सम्पूर्ण पवित्रता की खुशबू चाहिए। पवित्रता अर्थात् तन से भी ब्रह्मचारी, सम्बन्ध में भी ब्रह्मचारी और संस्कारों में...

20-6-2022 ”Avyakt-BapDada” Madhuban Murli.

Never become disheartened in your efforts. “I have to do this. I have to become this.” “The rosary of victory is my memorial”. Become victorious with this awareness. Both arrogance and disheartenment do not allow you to be strong. Therefore, become free from both of these and you will...

20-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

कभी भी पुरूषार्थ में निराश नहीं बनो। करना ही है, होना ही है, विजय माला मेरा ही यादगार है, इस स्मृति से विजयी बनो। अभिमान और निराशा - यह दोनों महाबलवान बनने नहीं देते हैं।इसलिए इन दोनों बातों से मुक्त बन निर्मान बनो तो नव निर्माण का कार्य करते...

19-6-2022-”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली. रिवाइज:06-04-1991.

सिद्धि स्वरूप आत्माओं के हर संकल्प अपने प्रति वा दूसरों के प्रति सिद्ध होने वाले होते हैं। उन्हें हर कर्म में सिद्धि प्राप्त होती है। वे जो बोल बोलते हैं वह सिद्ध हो जाते हैं इसलिए सत वचन कहा जाता है। - ओम् शान्ति।...

18-6-2022- ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली.

पवित्रता की रॉयल्टी अर्थात् रीयल्टी वाली आत्मायें सदा खुशी में नाचती हैं। उनकी खुशी कभी कम, कभी ज्यादा नहीं होती। दिनप्रतिदिन हर समय और खुशी बढ़ती रहेगी, उनके अन्दर वृत्ति, दृष्टि, बोल और चलन सब सत्य व हर्षितचित, हर्षितमुख अविनाशी होगा। - ओम् शान्ति।...