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3-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “ज्ञानयुक्त बुद्धि से रूहानी यात्रा करनी और करानी है”

निमित्त बनने का पार्ट सदा न्यारा और प्यारा बनाता है। अगर निमित्त भाव का अभ्यास स्वत: और सहज है तो सदा स्व की प्रगति और सर्व की प्रगति हर कदम में समाई हुई है। निमित्त बनी हुई आत्माओं को सदा यह स्मृति स्वरूप में रहता कि विश्व के आगे...

2-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “पढ़ाने वाला स्वयं निराकार भगवान है”

कर्मयोगी बच्चों को कर्म में बाप का साथ होने के कारण एकस्ट्रा मदद मिलती है। कोई भी काम भल कितना भी मुश्किल हो लेकिन बाप की मदद - उमंग-उत्साह, हिम्मत और अथकपन की शक्ति देने वाली है। जिस कार्य में उमंग-उत्साह होता है वह सफल अवश्य होता है। -...

1-8-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “बहुत मीठा क्षीरखण्ड बनकर रहना है”

मास्टर सर्वशक्तिमान् राजयोगी वह है जो राजा बनकर अपनी कर्मेन्द्रियों रूपी प्रजा को लॉ और आर्डर प्रमाण चलाये। जो मास्टर सर्वशक्तिमान् हैं, उन्हें एक भी कर्मेन्द्रिय कभी धोखा नहीं दे सकती। स्टॉप कहा तो स्टॉप। - ओम् शान्ति।...

31-7-2022 ”अव्यक्त-बापदादा” मधुबन मुरली: “यथार्थ चार्ट प्रगति और परिवर्तन”

जिम्मेवार बाप है, मैं निमित्त मात्र हूँ - यह स्मृति हल्का बना देती है इसलिए अपने पुरूषार्थ का बोझ, सेवाओं का बोझ, सम्पर्क-सम्बन्ध निभाने का बोझ...सब छोटे-मोटे बोझ बाप को देकर हल्के हो जाओ।निमित्त समझने से निर्मानता का गुण भी स्वत: आ जाता है।- ओम् शान्ति।...